देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है ऐसे में जारी लॉक डाउन के कारण हर काम ठप है ऐसे में दैनिक मजदूरी और छोटी दुकान करने वाले लोगो के लिए आजीविका की संकट हो गई है ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी के लिए राशन से भरा ट्रक भेजा था मगर लगता है ये बात अमेठी प्रशासन को पसंद नही आया तभी अमेठी जिले में राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय पर प्रशासन ने छापा मारा और वहां रखी राहत सामग्रियों की जांच-पड़ताल की।
इस घटना के बाद राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद स्मृति इरानी पर निशाना साधा है। वही डीएम ने छापे के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है।
जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को तहसीलदार की अगुवाई में कुछ प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस टीम गौरीगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंची। इसके बाद टीम सीधे राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय गई और वहां रखी राहत सामग्रियों की जांच की। वहां मौजूद लोगों से राहत सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। ब्योरा जुटाने के बाद टीम वापस चली गई।
इसके बाद एमएलसी दीपक सिंह ने ट्वीट कर मामले को हवा दे दी। सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘स्मृति ईरानी जी,आप बड़ी भूल कर रही हैं। खुद अपने मंत्रालय से अमेठी को कुछ दिया नहीं, अगर राहुल और प्रियंका जी मदद कर रही हैं तो अधिकारियों से छापा डलवाया जा रहा है। यह सब सामान अमेठी की उस जनता के लिए है जो कांग्रेस के परिवार जैसी है।’ उन्होंने कहा कि छापा मारने वाले अधिकारियों को जवाब देना पड़ेगा।
वहीं, रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘गौरीगंज जिला कांग्रेस कार्यालय में बिना कारण और बिना वारंट प्रशासन छापा डालने पहुंचा। शायद राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अमेठी की जनता को दी जा रही मदद योगी सरकार को हज़म नहीं हुई। राजनीति छोड़ें, मिल कर मदद करें।’
यूपी कांग्रेस ने भी इस घटना के मद्देनजर बीजेपी पर निशाना साधा है। पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी वाले कह रहे हैं कि राहत सामग्री बांटी किनको जा रही है? अंताक्षरी से फुर्सत मिल जाए तब पता चलेगा न! अमेठी के मजदूर फंसे हैं, उसके बारे में भी बीजेपी को नहीं पता है। कांग्रेस ने पहले दिन से अमेठी में सेवा कार्य किया है।
उधर डीएम ने मामले की जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि छापे की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मदद के कारण जनता में फिर से राहुल गांधी के प्रति सहानभूति हो गया है क्यों संसद ना रहने के बाबजूद अमेठी के लिए कई काम कर रहे हैं और यही बात बीजेपी को पसन्द नही आ रहा है।