
महाराष्ट्र के पालघर में हुई हिंसा को लेकर किए गए कार्यक्रम में भड़काऊ बातें करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे अर्णब गोस्वामी को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब द्वारा केस को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग को खारिज कर दिया है, इतना ही नहीं उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी खारिज करने से साफ इनकार किया है।
हालांकि कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को प्राप्त अंतरिम संरक्षण को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ दर्ज शुरूआती प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार करते हुए उन्हें इसके लिए सक्षम अदालत जाने को कहा है। बता दें, अर्णब को अगले तीन सप्ताह दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया गया है। आपको बता दें, पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले पर एक शो के दौरान अपमानजनक बयान को लेकर अर्णब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
आपको बता दें, पालघर हिंसा को लेकर किए गए कार्यक्रम में भड़काऊ बातें करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर रिपब्लिक टीवी और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी अभियुक्त बनाए गए हैं। देश के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ 105 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं। अर्णब पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और एक महिला के खिलाफ अपशब्द और अपमानजनक बातें करने का आरोप है। अर्णब गोस्वामी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है जिनमें समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलान, सांप्रदायिक नफरत भड़काने, हिंसा के लिए उकसाने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल कर मानहानि करने की धाराएं हैं। अर्णब पर यह धाराएं 21 अप्रैल को महाराष्ट्र की पालधर मॉब लिंचिंग पर आयोजित और प्रसारित एक कार्यक्रम को लेकर की गई हैं।