बिहार मे चमकी बुखार का कहर जारी, स्वास्थ्य मंत्री का बेहद शर्मनाक बयान

बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है. हेल्थ विशेषज्ञों की राय है कि जब तक बारिश नहीं होगी, हालात गंभीर बने रहेंगे. डॉक्टरों का कहना है कि अधिक गर्मी और उमस के कारण चमकी बुखार से मौतें हो रही हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है. सीएम ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और डॉक्टरों को बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

हालांकि अब तक सीएम के मुजफ्फरपुर नहीं जाने पर सवाल उठ रहे हैं. दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य का दौरा किया. उन्होंने मुजफ्फरपुर में पहुंचे हालात की समीक्षा की. केंद्रीय मंत्री ने गर्मी से मौत पर दुख जताया. लोगों को घरों से न निकलने की सलाह दी. उन्होंने पटना में कहा,

‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हीटस्ट्रोक से लोगों की मौत हो रही है. जब तक तापमान कम न हो घर से बाहर न निकलें. भीषण गर्मी से दिमाग पर असर पड़ता है. और इससे कई तरह की बीमारियां होती हैं.

मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज के पिता ने कहा कि अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. डॉक्टर ध्यान नहीं दे रहे हैं. हर घंटे बच्चे मर रहे हैं. रात में कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं होता. सिर्फ नर्सें होती हैं. बहुत परेशानी होती है.

वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के एक बयान को लेकर विवाद हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा उन्होने बेहद ही शर्मनाक बयान दिया है कि

‘बच्चों की मौत के लिए न प्रशासन जिम्मेदार है और न ही सरकार. बच्चों की नियति ठीक नहीं थी. मौसम भी इसके लिए जिम्मेदार है. सरकार ने इलाज के लिए पूरे इंतजाम किए थे.

अब सवाल सत्ता व विपक्ष से यही है क्या वो चुनाव के समय ही जनहित के मुद्दे उठायेगे? आखिर राज्य व केंद्र सरकार स्वास्थ्य के मुद्दे पर विफल साबित क्यो हो रही है?

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