
भारत में अभी सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। जिस कारण से देश में काफी गुस्सा है सरकार भले ही जाति धर्म और अन्य मुद्दों के बहस से देश मे बेरोजगारी के खिलाफ उबल रहे गुस्से को शांत कर लेती हो मगर जिस तरह से बेरोजगारी लगातार बढ़ रहा है इससे समस्या और विकराल होता जा रहा है। खासतौर पर जिस तरह से देश के छह बीजेपी शासित राज्य में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रहा है वह सबसे चिंताजनक है और सरकार के नाकामयाबी को दर्शाता है।
देशभर में बेरोजगारी को मुद्दा छाया हुआ है। ऐसे में 10 राज्यों के बेरोजगारी की रिपोर्ट सामने आई है, लेकिन खास बात ये है कि इन 10 राज्यों में 6 बीजेपी सरकार के हैं फिर क्षेत्रीय दलों में उनके गठबंधन की सरकार है। हाल ही में आर्थिक खराबी के बीच सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े पेश किए हैं। सीएमआईई के सितंबर में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक त्रिपुरा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।
सामने आए सर्वे के अनुसार बीजेपी शासित राज्यों जैसे हरियाणा, हिमाचल, झारखंड बिहार,उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार बीजेपी शासित इन राज्यों में 31.2 % बेरोजगारी है। वहीं दिल्ली में 20.0, हरियाणा में 20.3 फीसदी बेरोजगारी है।
सबसे ज्यादा बेरोजगारी हिमाचल प्रदेश में 15.6 फीसदी, पंजाब में 11.1 फीसदी, झारखंड 10.09 फीसदी, बिहार 10.3 फीसदी, छत्तीसगढ 8.6 फीसदी जहकि यूपी में 8.2 फीसदी बेरोजगारी है। और राज्यों के मुकाबले उत्तर भारत में बेरोजगारी कम है।
कर्नाटक में 3.3 फीसदी तमिलनाडु में 1.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। हरियाणा और महाराष्ट्र में जल्द चुनाव होने वाले हैं दोनों में बीजेपी सत्ता में है। महाराष्ट्र में 5.7 प्रतिशत बेरोजगारी दर है।भारत में पिछले छह साल में ग्रामीण क्षेत्रों में साढ़े तीन गुना से ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है।
बेरोजगारी की समस्या का बढ़ना साफ तौर पर यह दर्शाता है कि सरकार नए रोजगार के अवसर देने में बिल्कुल विफल है और प्राइवेट कंपनी को भी रोजगार के अवसर देने में समस्या हो रही है क्योंकि देश में आर्थिक बदहाली के कारण देश के प्राइवेट कंपनी भी बदहाल हो रहे हैं।