देश मे कोरोना महामारी अपना विकराल रुप धारण कर चुकी हैं इस समय देश त्रासदी से जूझ रहा है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार इस दौरान शासन मे सबसे लचर साबित हुए है ये विपक्ष तो कह ही रहा था अब नितीश की सहयोगी बीजेपी विधायक भी दबी आवाज में बोल रहे हैं।
दरअसल बीजेपी के विधायक सरकार के कामकाज के तरीके से परेशान हैं. नीतीश के साथ बातचीत के दौरान किसी ने खुल कर तो विरोध नहीं किया लेकिन अपनी आपत्ति जरूर जता दी. विधायकों का कहना था कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने जितने भी काम किये हैं उसमें सिर्फ और सिर्फ अधिकारियों की चल रही है. लोगों को राहत देनी हो, राशन कार्ड बनाना हो या फिर क्वारंटाइन सेंटर खोलना हो. सारे फैसले अधिकारी ले रहे हैं.विधायकों को कोई पूछने वाला नहीं है.
बीजेपी के एक विधायक ने कहा कि उनकी हालत तो मुखिया से भी बदतर हो गयी है. कोरोना से परेशान लोग विधायक के पास गुहार लगाने आ रहे हैं और विधायकों की स्थिति ये है कि ब्लॉक का बीडीओ-सीओ भी उनकी नहीं सुन रहा. ऐसे में लोगों में विधायकों के खिलाफ आक्रोश भड़क रहा है
तीन दफे से विधायक चुने जा रहे एक नेता ने कहा कि कोरोना संकट के ठीक बाद चुनाव होना है. विधायकों के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढता रहा तो हम चुनाव हार जायेंगे. विपक्षी पार्टियों के विधायक तो ये कह कर बच जा रहे हैं कि उनकी सरकार नहीं है. लेकिन बीजेपी के विधायक क्या कहें. विधायकों ने नीतीश कुमार से कहा कि सारी सरकारी योजनाओं में विधायकों की भूमिका को बढ़ाया जाये. कोरोना संकट में दी जा रही सरकारी राहत में विधायकों की राय ली जाये. उनकी अनुशंसा पर काम हो.
जिस प्रकार से छत्तीसगढ मे मुख्यमंत्री सहायता कोष की राशि को सार्वजनिक किया गया है वैसे ही बीजेपी के विधायकों ने विधायक फंड का पैसा तत्काल रिलीज करने की मांग की है सरकार इस फंड का बड़ा हिस्सा पहले की कोरोना राहत के नाम पर ले चुकी है. विधायकों ने कहा कि बाकी बचे पैसे को सरकार तत्काल रिलीज करे. ताकि उससे विधायक लोगों को मदद पहुंचा सके. कुछ महीने बाद चुनाव होना है. अगर पैसा सरकारी खजाने में ही पड़ा रह गया तो उसका खामियाजा विधायकों को ही भुगतना पड़ेगा
गौरतलब है कि देश जिस महामारी से जूझ रहा है उससे काबू पाने मे राज्य सरकारे हरसंभव कोशिशे कर रही है कोई राज्य सरकार टेस्टिंग क्षमता विकसित कर रही है तो कोई अपने कोरोना की रिकवरी दर को बेहतर करने का काम कर रही है लेकिन बिहार सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है जो अब बीजेपी भी स्वीकार करने लगी हैं।