नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर मे हो रहे आंदोलन, आज रहेगा बिहार बंद

संशोधित नागरिकता कानून लाए जाने और उसी क्रम में एनआरसी लागू करने की घोषणाओं के खिलाफ आज देश भर में धरने-प्रदर्शन होंगे। राजधानी दिल्ली में लाल किले से मार्च होगा तो बाकी राज्यों में जगह जगह बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। बिहार में बंद का ऐलान किया गया है। इस प्रदर्शन में विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ नागरिक और सामाजिक संगठन, छात्र संघ और संगठन शामिल होंगे।

नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में आज बड़ा आंदोलन, बिहार बंद, हर राज्य में प्रदर्शन, मार्च और धरने का आयोजन

ध्यान रहे कि नागरिकता संशोधन विधेयक के कानून बनने के साथ ही इसके खइलाफ पहले दिन से देश के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलन हो रहे हैं। पूर्वोत्तर इलाके में तो इसे लेकर बड़े प्रदर्शन हुए। इसी तरह दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जामिया के छात्रों को तो इसे लेकर पुलिस बर्बरता का शिकार होना पड़ा।

अब ये आंदोलन और तेज़ हो गया है और छात्रों के समर्थन में देश के तमाम विश्वविद्यालयों के छात्र-शिक्षक और नागरिक समाज के लोग भी सड़क पर उतर आए। जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, एएमयू, एचसीयू समेत देश के लगभग 24 विश्वविद्लायों के छात्र सड़कों पर उतरे।

अब गुरुवार, 19 दिसंबर को दिल्ली में बड़े मार्च का आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में इस मार्च का आयोजन दो जगह से किया जा रहा है। एक दिल्ली का लाल किला और दूसरा मंडी हाउस। यहां बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे। लाल किले से शहीदी पार्क, आईटीओ तक मार्च का ऐलान तमाम नागरिक व छात्र संगठनों ने किया है, इसमें यूनाइटेड अगेंस हेट, स्वराज इंडिया, आइसा, एक्टू आदि शामिल हैं। इसके अलावा मंडी हाउस से मार्च का आह्वान वाम दलों सीपीएम, सीपीआई, माले आदि ने किया है।

बिहार के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने 19 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है। इसकी तैयार में बुधवार (18 दिसंबर) को बिहार की राजधानी पटना में कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च जीपीओ गोलबंर से शुरु हो कर न्यू मार्केट, पटना जंक्शन होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचा, जहां एक सभा हुई। मार्च का नेतृत्व सीपीआई-माले ने किया। बुद्धा स्मृति पार्क में हुई सभा में कहा गया कि गुरुवार का बिहार बंद ऐतिहासिक होने वाला है। मोदी-अमित शाह के द्वारा देश में तानाशाही थोपने के प्रयासों को जनता ने खारिज कर दिया है। इस कानून की वापसी तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

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