छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिला स्पष्ट बहुमत अब प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़ा देगा। इस कारण वरिष्ठ नेताओं की निगाह राज्यसभा पर टिकी है। दो सदस्यों का कार्यकाल अगले साल की शुरुआत में पूरा हो जाएगा, इसलिए अभी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में पांच सदस्य भेजे जाते हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद 2003, 2008, 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को ज्यादा सीटें मिली थीं। इस कारण राज्यसभा सदस्यों की पांच सीटों में से तीन तो भाजपा को मिल जाती थी। कांग्रेस को दो सीटों पर संतुष्ट होना पड़ता था।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाजी पलट दी जिसके बाद भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने 90 विधानसभा सीटों में से 68 पर कब्जा करके भारी बहुमत हासिल किया। अब इस आधार पर यह तय हो गया है कि राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। मतलब, दो से चार होगी।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य मोतीलाल वोरा और भाजपा के राज्यसभा सदस्य रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी हाईकमान वोरा को रिटायर कर सकता है। कांग्रेस की सीट बढ़ेगी, तो जूदेव की सीट भाजपा के हाथ से निकल जाएगी। बाकी तीन राज्यसभा सदस्य भाजपा की सरोज पांडेय व रामविचार नेताम और कांग्रेस की छाया वर्मा का कार्यकाल बचा हुआ है।