विश्व में बढ़ते कोरोना वायरस का खतरा भारत में भी गंभीर रूप से मंडरा रहा है और लगातार मरीजो की संख्या में इजाफा हो रहा है जिसको देखते हुए पहले कई राज्यों ने 31 मार्च तक लॉक डाउन की घोषणा की मगर फिर भी मरीजो की संख्या को बढ़ता देख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आगमी 21 दिनों के लिए लॉक डाउन का ऐलान कर दिया।
लॉक डाउन के घोषणा के बाद कांग्रेस नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम के भाषण से उन्हें राहत भी मिली, लेकिन निराशा भी हुई. लॉकडाउन का समर्थन करते हुए चिदंबरम ने कहा कि जो इसका मजाक उड़ा रहे हैं, वो 21 दिनों तक चुप रहकर देश का भला कर सकते हैं.
हालांकि, चिदंबरम ने पीएम के ऐलान पर कई सवाल भी खड़े किए. चिदंबरम ने पूछा है कि गरीबों के लिए जरूरत का समान कैसे आएगा और फाइनेंशियल पैकेज फाइनल करने में इतना वक्त क्यों लगना चाहिए.
पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री “अगले 21 दिनों के लिए गरीबों को कैश कौन देगा?
फाइनेंशियल पैकेज फाइनल करने के लिए 4 या उससे ज्यादा दिन क्यों लगे? हमारे पास इतना टैलेंट है कि इसे 4 दिनों में फाइनल कर दिया जाए. मुझे यकीन है कि पीएम, गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों, कृषि और खुद काम करने वाले लोगों की मदद के लिए फाइनेंशियल पैकेज की जल्द घोषणा की आवश्यकता को समझते हैं.”
चिदंबरम ने लिखा कि पैकेज की घोषणा के बाद दूसरी समस्याओं पर ध्यान दिया जा सकता है.
कोरोना के इलाज के लिए पीएम ने 15,000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है. इस राशि पर चिदंबरम ने कहा, “पीएम के 15,000 करोड़ रुपये के ऐलान का मतलब क्या है? मैं फिर कहना चाहूंगा, आर्थिक परिणामों को मैनेज करने के लिए सरकार को अगले 4-6 महीनों में 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है।
चिदंबरम ने सभी नागरिकों से लॉकडाउन का समर्थन करने की अपील की। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक बड़े आर्थिक पैकेज की मांग की थी।