कर्नाटक के सियासी नाटक का अंत अब करीब ही दिख रहा है। कांग्रेस-जेडीएस सरकार को अपना बहुमत सिध्द करना है जो बागी विधायकों के कारण मुश्किल दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस संकटमोचक और शुरू से ही बागियों को मनाने में लगे डीके शिवकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ‘विधानसभा स्पीकर ने कहा था कि पार्टी का नेता अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर सकता है. इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. संविधान के अनुच्छेद 164 (आई) बी के मुताबिक जो भी नेता दूसरे दल में शामिल होगा उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बागी विधायकों को समझाने की कोशिश कर रही है कि उनकी सदस्यता नहीं रद्द की जाएगी और उन्हें सरकार बनते ही मंत्री बना दिया जाएगा.’
Dk शिवकुमार के बातों से साफ लग रहा है कि बीजेपी बागी विधायकों को मंत्रिपद लोभ देकर सरकार के खिलाफ भड़का रही है।
शिवकुमार ने साथ ही कहा कि ‘ऐसा होगा नहीं. मैं अपने मित्रों (बागी विधायकों) को चेतावनी देना चाहता हूं. पागलपन न करें. वे आपको टोपी पहना रहे हैं। भागो मत, आपको अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ सकता है.’
एक अन्य बयान में डीएके शिवकुमार ने कहा कि विधानसभा स्पीकर ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था. उन्हें 11 बजे दिन का समय दिया गया था लेकिन वे मौजूद नहीं हुए. बीजेपी उन्हें समझा रही है कि उनकी सदस्यता रद्द नहीं होगी लेकिन एक बार सदस्यता रद्द हुई तो वे मंत्री नहीं बन सकते.’
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा सौंप चुके कांग्रेस के बागी 12 विधायकों को सुनवाई के लिए समन भेजा है. कांग्रेस पार्टी ने व्हिप का उल्लंघन करने वाले इन विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया है. विधानसभा अध्यक्ष के सचिव एम.के. विशालक्ष्मी ने एक बयान में कहा, “सभी 12 कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के नियम के तहत नोटिस भेजा गया है.”
अब देखना दिलचस्प होगा कि बागी विधायक इस चेतावनी के बाद क्या रुख अपनाते हैं और अगर सरकार के खिलाफ जाकर व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उसके बाद उनकी सदस्यता जाती है या फिर वो कोर्ट का रुख कर कुछ राहत की मांग करते हैं।