
राजस्थान विधानसभा में नवगठित कांग्रेस सरकार का पहला बजट आज पेश होने जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में मौजूदा सरकार का पहला बजट पेश करेंगे. राज्य बजट को लेकर हर वर्ग को राहत की उम्मीद है.
केन्द्रीय बजट में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क व सेस बढ़ाने की घोषणा के तत्काल बाद राज्य सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़कर इनकी राज्य में कीमतें बढ़ा दी. इस बढ़ी हुई कीमतों की गाज पड़ोसी राज्यों से सटी सीमाओं पर संचालित पेट्रोल पम्पों पर संकट के बादल मंडराएंगे और बिक्री में 25 फीसदी तक की कमी होने की आशंका हो चली है. इसके चलते राज्य भर में करीब 1100 पेट्रोल पम्पों के बंद होने की आशंका हो गई है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई बताते हैं कि बढ़ी हुई कीमतों के कारण पड़ोसी राज्यों के पेट्रोल पम्पों ने तो अब सस्ते पेट्रोल-डीजल की कीमतों के पोस्टर तक लगाने शुरू कर दिए है.
उधर राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के महामंत्री डॉ. के. एल. जैन का कहना है कि केन्द्रीय बजट के कारण राज्य सरकार को 11500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमद होगी. जिससे राज्य बजट में सरकार से स्टाम्प ड्यूटी में कमी सहित औद्योगिक विकास के लिए कर सलाहकार समिति में रखी गई मांगों पर सरकार ध्यान देगी. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि राज्य बजट में वैट कानून के पुराने मामलों के निस्तारण के लिए सरकार एमिनेस्टी योजना की घोषणा की उम्मीद है.
इसी तरह तिलहन मसालों को कर मुक्त करने के लिए सरकार की ओर से GST काउंसिल में सुझाव दिया जा सकता है. सरकार से MSME उद्योगों की स्थापना में मदद किए जाने के अलावा व्यापार बोर्ड के गठन को मूर्तरूप दिए जाने की उम्मीद है.