प्रचंड बहुमत से केंद्र की सत्ता में वापस लौटी मोदी सरकार में पार्टी के सांसद अरविंद सावंत को भारी उद्योग मंत्रालय न मिलने से शिवसेना नाराज है।
पिछली सरकार में शिवसेना से अनंत गीते कैबिनेट में शामिल थे, लेकिन इस बार वह चुनाव हार गए। इस बार मुंबई दक्षिण से सांसद अरविंद सावंत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। विभागों के बंटवारे के बाद उन्हें भारी उद्योग मंत्रालय मिला।
इसी बात को लेकर शिवसेना ने इशारों में भाजपा से नाराजगी भी जाहिर की है। खबरों के अनुसार, शिवसेना की नाराजगी इस बात को लेकर है कि भाजपा ने अपनी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी को तवज्जो नहीं दिया। शिवसेना संचार, स्वास्थ्य या रेलवे जैसे किसी अहम मंत्रालय की भी उम्मीद कर रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मीडिया से बातचीत करते हुए शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि विभागों का बंटवारा प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, ऐसे में हमने कोई मांग नहीं रखी थी। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली में थे और वह इस बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस बारे में संदेश भेजा गया है।
राउत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पूर्व में जिन पार्टियों को जो मंत्रालय दिए गए, उन्हें बरकरार रखा गया है। हमें विश्वास है कि बीजेपी भविष्य में शिवसेना की लोकसभा में ताकत का ख्याल रखेगी। मुझे नहीं लगता कि भारी उद्योग मंत्रालय अप्रासंगिक है।’ इससे पहले, जेडीयू ने भी एक मंत्री बनाए जाने का ऑफर ठुकुराते हुए मोदी सरकार में हिस्सा ना बनने का फैसला किया था।