झारखंड में 2 विधायकों ने थामा कांग्रेस का हाथ , कांग्रेस के विधायकों की संख्या 18 हुई

अक्सर देखा जाता है कि चुनावी राज्यो में नेता दल बदलते रहते हैं मगर झारखंड में चुनाव के बाद भी ये सिलसिला जारी है क्योंकि जिस प्रकार से झारखंड के लुर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी JVM का विलय बीजेपी के साथ करने का घोषणा किया उसी के साथ पार्टी के 2 विधायकों ने पार्टी छोड़ दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया।

झारखंड विकास मोर्चा के विधायक प्रदीप यादव और बंधू तिर्के ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। उन्होंने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और आरपीएन सिंह की उपस्थिति में कांग्रेस का हाथ थामा। बता दें कि इससे पहले झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी जेवीएम का भाजपा में विलय कर दिया था।

रांची में भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनका पार्टी में स्वागत किया। शाह ने स्टेज पर माला पहनाकर मरांडी का स्वागत किया।

मरांडी पूर्व में भी भाजपा में रहे हैं। बाद में अलग होकर उन्होंने अपनी पार्टी बना ली थी। रांची के प्रभाततारा मैदान में आयोजित रैली में अमित शाह ने 14 साल बाद बाबूलाल मरांडी की भाजपा में वापसी कराई है। भाजपा में जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा, हम साथ चलेंगे और साथ बढ़ेंगे। भाजपा जो भी काम देगी, उसे सहर्ष स्वीकार करेंगे। जेवीएम से जो लोग उनके साथ बीजेपी में आए हैं, उनका मैं कर्जदार हूं। हम प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम करेंगे। मरांडी ने भाजपा में वापसी पर कहा, पिछले 14 साल में पूरे देश में घूमने के बाद ये जाना है कि अगर कार्यकर्ता आधारित कोई पार्टी है, तो वह बीजेपी ही है। अमित शाह ने जेवीएम का बीजेपी में विलय होने पर कहा, मुझे खुशी है कि बाबूलाल मरांडी बीजेपी में लौट आए हैं, मैं 2014 से उनकी वापसी के लिए काम कर रहा था।

बता दें कि बाबूलाल मरांडी झारखंड की राजनीति के बड़े चेहरे माने जाते हैं। 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना तो वो प्रदेश के पहले सीएम बने। मरांडी चार बार के लोकसभा सांसद और अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। बाबूलाल मरांडी की संघ से भी जुड़े रहे हैं। बाबूलाल मरांडी ने 2006 में बीजेपी से अलग होकर झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के नाम से नई पार्टी का गठन किया था। भाजपा से अलग होकर जेवीएम बनाई। 2009, 2014 और 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में जेवीएम को 11, आठ और तीन सीटों पर जीत मिली।

बीते साल हुए चुनाव में मरांडी की पार्टी को तीन ही सीटें मिलीं तो उन्होंने भाजपा में वापसी का रास्ता चुना। लेकिन अब उनकी पार्टी के दो विधायकों ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में 16 सीट जीता था जो अब 18 हो गया। झारखंड में वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा , कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार है जिसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं।

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