कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में घोषणा पत्र का नाम वचन पत्र दिया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को इसी वचन पत्र के मुद्दों पर लड़ा और जीता।
चुनाव में जीत दर्ज करने और सरकार बनाने के साल भर से अधिक बीत जाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने वचन पत्र के कुछ मुद्दों पर काम नहीं किए जाने को लेकर आगे नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री और सरकार से हर मुद्दे पर काम करने की अपील की।
जिसके बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
कमल नाथ ने कहा, “मैंने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की है और चर्चा की है कि राज्य में सरकार वचनपत्र के वादों को पूरा करने में कितनी सक्षम है।”
गौरलतब हो कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में पार्टी के गंभीरता न दिखाने पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस कोई वादा करती है, तो वह उसे पूरा करे। अन्यथा, हम सड़कों पर उतर आएंगे।”
कमल नाथ ने इस बात से इनकार किया कि बैठक राज्यसभा चुनाव या राज्य मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
राज्य कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मांग की है कि पार्टी को अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को निभाना चाहिए। राज्यमंत्री गोविंद सिंह ने हाल ही में एक सार्वजनिक समारोह में कहा कि धन की कमी की वजह से कुछ वादे पूरे नहीं हो पाए।