काफी लंबे समय से कांग्रेस में बदलाव की बात कही जा रही है मगर राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से ये बदलाव पूरी तरह से रुक गया है ऐसे में कांग्रेस युवा चेहरा को आगे लाने की कवायद फिर शुरू करेगी और ये शुरुआत पार्टी राज्यसभा में युवा नेताओ को भेजकर करने का योजना बना रही है।
खबर के अनुसार कांग्रेस के कई नेता राज्यसभा में वरिष्ठ नेताओं के जगह युवा नेताओ की भेजने की वकालत कर रहे हैं ऐसे में पार्टी इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया , प्रियंका गांधी , रणदीप सुरजेवाला सहित कई युवा नेता को राज्यसभा भेज सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा जा सकता है।
अप्रैल में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की कई सीटें खाली हो गई थी. मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, मधुसूदन मिस्त्री और हुसैन दलवई जैसे कांग्रेसी राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं
आपको बता दें कांग्रेस के इस साल 18 राज्यसभा के सदस्य रिटायर हो रहे हैं। पार्टी को इन खाली पड़ी सीटों पर किसी को फिट कराना होगा।
दूसरी ओर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत प्रियंका गांधी वाड्रा को राजस्थान से राज्यसभा में भेजने को इच्छुक हैं।
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं. अशोक गहलोत चाहते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को राजस्थान से राज्यसभा में भेजकर उनकी लोकप्रियता का इस्तेमाल किया जाए.
उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राज्य पर फोकस करने को लेकर लखनऊ में किराये का मकान लेने की योजना छोड़ दी है. बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने प्रियंका गांधी वाड्रा से अपनी इच्छा भी जता दी है. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी लोकसभा में पहले से ही मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन राज्यसभा में पार्टी को बीजेपी को जवाब देने के लिए नए चेहरे की जरूरत है. राज्यसभा में कांग्रेस के अधिकांश नेता बुजुर्ग हैं. इसलिए पार्टी नए चेहरे के तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्यसभा भेजने पर विचार कर रही है.
स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी पार्टी को समय नहीं दे पा रही हैं. ऐसे में बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस को संसद और बाहर दमदार चेहरे की जरूरत है. यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी बतौर पार्टी अध्यक्ष जल्द ही वापसी कर सकते हैं.
हालांकि अशोक गहलोत के विचार से कांग्रेस के अधिकांश नेता सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि प्रियंका गांधी को लोकसभा में आना चाहिए, क्योंकि गांधी परिवार के किसी सदस्य ने संसद में प्रवेश के लिए कभी राज्यसभा का रास्ता नहीं अपनाया, लेकिन गहलोत के समर्थकों ने यह ध्यान दिलाया है कि इंदिरा गांधी ने पहले राज्यसभा में ही प्रवेश किया था.