हर दल अधिक से अधिक विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है ताकि चुनाव के बाद वो संख्याबल के हिसाब से मजबूत रहे। ऐसे में जब गठबंधन की बात आती है तो गठबंधन के दल अधिक सीट की मांग करते हैं। महाराष्ट्र में भी बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन में यही हो रहा है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच तल्खी जारी है।
महाराष्ट्र में सभी दल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। बीजेपी ज्यादा सीटों के लिए जहां लोकसभा चुनाव में वोट में हिस्सेदारी बढ़ने का तर्क दे रही है तो वहीं शिवसेना आरे भूमि विवाद, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं को बीजेपी में शामिल करने और राम मंदिर मुद्दे पर अपनी बात मनवाने की कोशिश में लगी हुई है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी बराबरी की स्थिति में ही बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।
संजय राउत ने साफ शब्दों में कहा कि 144 सीटें नहीं मिलेंगी तो बीजेपी के साथ विधानसभा चुनावों में गठजोड़ भी नहीं किया जाएगा। ऐसे में राउत के इस बयान की अहमियत बढ़ जाती है।
संजय राउत से पहले महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता दिवाकर राउते ने कहा था कि 144 सीटें नहीं मिलने पर बीजेपी के साथ चुनावी गठजोड़ टूट सकता है।
सीट बंटवारे से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अनुच्छेद 370 को लेकर केंद्र सरकार की तारीफ की थी। साथ ही उन्होंने राम मंदिर बनाने की मांग भी की थी।
महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं और शिवसेना इसकी आधी यानी 144 सीटों पर चुनाव मैदान में ताल ठोंकना चाहती है और इसी को
लेकर बीजेपी से उसकी तल्खी बढ़ती जा रही है।
इससे पहले महाराष्ट्र की विपक्षी दल में गठबंधन को लेकर सीट शेयरिंग में समस्या हो रहा था पर उन्होने अपना समस्या का समाधान कर लिया। अब देखना है कि बीजेपी और शिवसेना में सामंजस्य बैठता है या दोनो का राह अलग होता है।