
इन्दौर नगर निगम के एक अधिकारी की शिकायत पर मध्यप्रदेश पुलिस ने हनीट्रैप के आरोप में 5 महिलाओं और उनके वाहन चालक को गिरफ्तार किया है। उधर, गिरफ्तारी के बाद सभी 6 आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 3 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।
इंदौर के पलासिया थाने में FIR दर्ज हुई थी, जिसके बाद इंदौर पुलिस की निशानदेही पर ही ATS और भोपाल पुलिस ने धरपकड़ की. इन लड़कियों को पूर्व मंत्री के बंगले से गिरफ्तार की गया है.
हनी ट्रैप के मामले में महिलाओं के पकड़े जाने के बाद प्रदेश की सियासत में खलबली मची हुई है। इस मामले में कई नामों का खुलासा हो सकता है। श्वेता मूलत: सागर की रहने वाली है। वह भोपाल में कई सालों से रह रही है।
2013 विधानसभा के दौरान वह भाजपा से एक राष्ट्रीय स्तर के नेता के मार्फत सागर से विधानसभा का टिकट मांग रही थी, लेकिन उसे टिकट नहीं मिला तो शहर और सत्ता गलियारों से गायब हो गई थी। एटीएस की टीम ने उनसे पूछताछ की तो वह पहले तो एनजीओ के बारे में बताने लगी, लेकिन जब उनसे अफसरों ने सख्ती से सवाल किए तो श्वेता ने बताया कि वह एनजीओ के नाम पर लाइजनिंग करती है।
इन्दौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं में आरती दयाल (29), मोनिका यादव (18), श्वेता जैन पति विजय जैन (39), श्वेता जैन पति स्पनिल जैन (48), और बरखा सोनी (34) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन्हें भादवि की धारा 405/19, धारा 419, 420, 384, 506, 120-बी एवं 34 के तहत गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा इनके एक वाहन चालक ओमप्रकाश कोरी (45) को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से पुलिस ने 14 लाख 17 हजार रुपए नगद व मोबाइल फोन और एक एसयूवी बरामद की है।
उन्होंने बताया कि इन्दौर नगर निगम के एक अधिकारी की शिकायत पर पहले आरती, मोनिका और उनके वाहन चालक को इन्दौर में गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के बाद भोपाल की पॉश कालोनियों से 3 अन्य आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी भोपाल निवासी हैं।
एसएसपी ने आरोपी आरती के हवाले से बताया कि उसकी साथी श्वेता जैन ने उसे करीब 8 माह पहले इन्दौर नगर निगम के अधिकारी से मिलवाया था। इसके बाद दोनों में फोन पर बातचीत तथा मुलाकात शुरु हो गई। एक मुलाकात के दौरान आरोपी महिलाओं ने छिपकर एक वीडियो क्लिप बना ली तथा भोपाल पहुंचने के बाद अधिकारी से 3 करोड़ रुपए की मांग की।
मिश्रा ने बताया कि अधिकारी की शिकायत के बाद पुलिस ने योजना बनाई और पहली किस्त के तौर पर 50 लाख लेने इन्दौर आई आरती, मोनिका और उनके वाहन चालक को गिरफ्तार किया। इसके बाद अन्य आरोपियों को पकड़ा गया। एसएसपी ने बताया कि पुलिस मामले में विस्तृत जांच कर रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमेरेन्द्र सिंह ने बताया कि सभी 6 आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और कोई भी व्यक्ति जो कानून को हाथ में लेने का काम करेगा वह बच नहीं पाएगा
खास बात यह है कि श्वेता जैन ने भाजपा नेता व विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह के रिवेयरा टाउन के मकान को किराये पर लेते वक्त किरायानामा में अपने आप को फिजियोथेरेपिस्ट बताया है। विधायक की ओर से जारी एक किरायानामा में उल्लेख है कि अगर वह कोई गैरकानूनी गतिविधियों में यह पकड़ी गई तो वह खुद जिम्मेदार होंगी।
श्वेता रिवेयरा टाउन के घर के लिए प्रतिमाह 35 हजार स्र्पए किराया देती थी। अभी तक पूछताछ में जानकारी मिली है कि श्वेता अफसरों के बारे में जानकारी एकत्र करती है और उसके बाद उनसे नजदीकी बढ़ाती है। उसके कई सालों से इस तरह के मामले में सक्रिय होने की बात सामने आ रही है।
श्वेता की लाइफस्टाइल देखकर उसके आसपड़ास के लोग भी चकित रह जाते थे। श्वेता के किराये के घर के पास ही रहने वाले एक पुलिस अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह काफी रसूख दिखाती थी, हर समय बदल बदलकर गाडियां लेकर आती थी। श्वेता का बेटा भी उसके साथ रिवेयरा टाउन में ही रहता था।
कभी सागर में भाजपा के आयोजनों में सक्रिय दिखाई देने वाली श्वेता पीली कोठी के पास आयोजित एक धरना प्रदर्शन के दौरान हुए विवाद के बाद चर्चा में आई थी। उसकी तीनबत्ती क्षेत्र में एक रेडीमेड कपड़ों की दुकान भी है। श्वेता भाजपा युवा मोर्चा में सदस्य रही है।
सागर में करीब चार साल पहले उनके एक एमएमएस ने जिले की राजनीति में हलचल मचा दी थी। एमएमएस सामने आने के बाद वह सागर से गायब हो गई और किसी कार्यक्रम में भी नहीं दिखी। इस घटना को लंबा समय होने के बाद वह कभी-कभी सागर में जरूर नजर आई, लेकिन राजनीति से एकदम से किनारा कर लिया था।
इस मामले में पकड़ाई एक अन्य महिला श्वेता पत्नी विजय जैन(39) शहर की पॉश मिनाल रेसीडेंसी स्थिति जे-394 में परिवार के साथ रहती है। बुधवार को हुई कार्रवाई में फिल्मी स्टाइल में पहुंची पुलिस ने श्वेता को उसके घर से हिरासत में लिया था।
गुरुवार सुबह घटना के सुर्खियों में आने के बाद से श्वेता के दो मंजिला घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। दस्तक देने के बाद भी घर में मौजूद लोग बाहर निकलकर बात करने का तैयार नहीं है। इस मामले में पड़ोसी भी खामोश हैं। वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। हालांकि कुछ लोग श्वेता के घर पर आने वालों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही वह श्वेता के बारे में जानकारी लेने पर कह रहे है कि श्वेता नाम की महिला इस घर में नहीं रहती है।
हनी ट्रैप मामले की सरगना आरती दयाल है। वह मीनाल रेंसीडेंसी के पास सागर लैंडमार्क में रहती है। उसका पति प्राइवेट नौकरी करता है। आरती ने उस पर भी दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा था। मूलत: छतरपुर की रहने वाली आरती ने एक साल पहले ही इस कॉलोनी में किराये का मकान लिया था।
इसके बाद उसने इंदौर जाकर हनी ट्रैप में फंसे नगर निगम के इंजीनियर पर तीन करोड़ स्र्पए की अड़ी डाली थी। इसकी पहली किस्त के 50 लाख रुपए लेने के लिए वह मोनिका यादव (18) के साथ गई थी। मोनिका ग्राम सवस्या नरसिंहगढ़ राजगढ़ की रहने वाली है। भोपाल से वह बीएससी कर रही थी।
वह एक परिचित के जरिए आरती के संपर्क मेंआई थी।
मोनिका को उस समय ही पुलिस ने पकड़ लिया था पर इस गिरोह में उसका क्या रोल था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। हनी ट्रैप मामले की चर्चा हो रही है पर आरती के कॉलोनियों के लोगों को उसकी ज्यादा जानकारी नहीं है।
ब्लैकमेलिंग में आरती का किरदार बहुत बड़ा है। वह कई आला अफसरों के संपर्क में रह चुकी है। आशंका है उसके साथ और भी युवतियां जुड़ी हुई हैं, जो इस प्रकार के हनी ट्रैप में शामिल हैं। आरती से एक कार बरामद की गई है। वह उसके नाम से छतरपुर आरटीओ से रजिस्टर्ड है। आरती के कई नेताओं से भी संबंध है। पुलिस व प्रशासन के अफसरों के साथ उसके कई फोटो भी पुलिस को मिल गए हैं।
आरती की कॉलोनी में रहने वाले लोगो का कहना है कि उन्हें कभी लगा नहीं आरती इस तरह के ब्लैकमेलिंग के कामों में शामिल है। हैरत है कि वह पूरा गिरोह चला रही थी।