मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 6 महीना बीतने के बाद देश मे महंगाई , अर्थव्यवस्था की बदहाली , महिला सुरक्षा और बेरोजगारी का मुद्दा अभी भी भी बना हुआ है। ऐसे में देश में गिरती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस 14 नवम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन कर रही है. ‘भारत बचाओ’ रैली के लिए देशभर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोगों को लाने की तैयारी शुरू हो गई है.
कांग्रेस की यह रैली मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल खिलाफ पहली बानगी होगी। क्योंकि कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि अब संसद से सड़क तक हर मुद्दे पर पार्टी संघर्ष करेगी , चाहे नतीजा कुछ भी हो।
वही दूसरे तरफ कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून के दोनों सदनों में पास होने बाद इस कानून के खिलाफ समूचे विपक्ष को लामबंद कर व्यापक विरोध प्रदर्शन की भी तैयारी कर रही है।
जहां एक ओर कांग्रेस अदालत में इस विधेयक को चुनौती देने जा रही है वहीं दूसरी ओर सड़कों पर वह शक्ति प्रदर्शन के जरिए अपना विरोध जताएगी.
नागरिकता संशोधन कानून के पारित होते ही सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर इस बात के साफ संकेत दे दिये कि कांग्रेस इस मुद्दे पर भाजपा और उसके नेतृत्व वाली सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेगी. सोनिया गांधी ने इसे संविधान के काले दिवस के रुप में याद किये जाने की बात कहकर इसे कट्टरवादियों की जीत बताया. उन्होंने आश्चर्य जताया कि मोदी सरकार यह विधेयक उस समय लायी है जब देश बापू की 150 जयंती मना रहा है.
शनिवार को होने वाली रैली में भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलेगी. हालांकि प्रारंभ में इस रैली का मकसद अर्थव्यवस्था को लेकर जनता के गुस्से का इजहार करना था. लेकिन अब अन्य मुद्दों के साथ-साथ नागरिकता संशोधन कानून को भी उसके दायरे में शामिल कर लिया है.
कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम ने हर प्रदेश से अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को दिल्ली लाने के लिए प्रादेशिक नेताओ को पहले लक्ष्य दे दिया है। दूसरे तरफ राज्यस्तर पर भी नेता अपनी ताकत राष्ट्रीय कमेटी को दिखाने के लिए पूरी संख्याबल को लेकर जाने की तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है ये रैली ऐतिहासिक रैली होगी।