नीति आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स के रिपोर्ट में जहाँ केरल ने टॉप किया है वही उत्तर प्रदेश , उड़ीसा और बिहार फ़िसड्डी साबित हुई है।
इन दिनों जब बिहार के कई जिलों में चमकी बुखार के कारण 150 से ज्यादा बच्चो की मौत का मामला गर्माया हुआ है। उत्तर प्रदेश में भी बच्चों की मौत के कारण चिकित्सा व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं तो उड़ीसा में भी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहते हैं।
ऐसे में भारत सरकार के नीति आयोग ने देश की सेहत को लेकर रिपोर्ट जारी की है. नीति आयोग देश की सेहत जानने के लिए पिछले कुछ वर्षों से ऐसा सर्वेक्षण करा रहा है। इस साल के हेल्थ-इंडेक्स के अनुसार देश का सबसे सेहतमंद राज्य केरल है, जबकि बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आखिरी स्थान पाने की ‘जंग’ छिड़ी हुई है।
बिहार-यूपी और ओडिशा में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की बदहाल स्थिति की रिपोर्ट पिछले कुछ महीनों में आती रही हैं. अब नीति आयोग के हेल्थ-इंडेक्स ने इन राज्यों की कलई खोल दी है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार नीति आयोग के हेल्थ-इंडेक्स में सबसे टॉप पर रहने वाले केरल के बाद दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश और तीसरे स्थान पर र महाराष्ट्र का नाम है। वही बिहार , उत्तर प्रदेश और उड़ीसा सबसे फिसड्डी साबित हुई है। जबकि हरियाणा, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों को उस श्रेणी में रखा गया है, जहां स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की हालत में सुधार देखा गया है।
आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बड़े राज्यों की श्रेणी में जहां केरल, आंध्र और महाराष्ट्र अव्वल हैं. वहीं बिहार, यूपी और ओडिशा का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.
छोटे राज्यों के हेल्थ-इंडेक्स में मिजोरम ने बाजी मारी है. वहीं त्रिपुरा दूसरे और मणिपुर तीसरे स्थान पर है। लेकिन सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश को छोटे राज्यों की श्रेणी में सबसे कम अंक हासिल हुए हैं।
इसके अलावा केंद्रशासित राज्यों में सेहत संबंधी मानकों का पालन करने में चंडीगढ़ ओवरऑल बेस्ट साबित हुआ है, जबकि दादरा एवं नगर हवेली को दूसरे स्थान पर रखा गया है।