देश में गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है क्योंकि पूर्व में सुरक्षा में चूक के कारण ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जा चुकी है। ऐसे में गांधी परिवार के सुरक्षा में चूक होना उनके जान का खतरे में होने जैसा है। ऐसे में कुछ दिन पहले ही सरकार द्वारा गांधी परिवार के सुरक्षा में कटौती करना अब तक लोगो के समझ मे नही आ रहा और अब जिस प्रकार से गांधी परिवार की सदस्य और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के सुरक्षा में चूक की खबर सामने आई है उसके बाद सरकार के इस फैसले पर सवाल उठने लगा है।
गौरतबल है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद पिछले सप्ताह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सुरक्षा में चूक की खबर सामने आई है। एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी की सुरक्षा की जिम्मेदारी अभी सीआरपीएफ संभाल रही है।
सुरक्षा में चुक का मामला 26 नवंबर का है जब सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा होने के बावजूद एक कार में सवार सात लोग घर में घुस गए।
पीटीआई सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के लोधी एस्टेट स्थित घर पर सुरक्षा में चूक हुई। 26 नवंबर को एक कार में सवार सात लोगों ने उनके आवास में बिना पूर्व जानकारी के प्रवेश किया और सेल्फी के लिए कहा। प्रियंका गांधी के दफ्तर ने सीआरपीएफ में इसकी शिकायत दर्ज कराई है, जांच जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार कार तीन पुरुषों, तीन महिलाओं और एक लड़की के साथ बगीचे के पास बरामदे तक पहुंच गई थी। उसके बाद सातों लोग कार से उतरे और प्रियंका गांधी के पास जाकर उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए कहा।
प्रियंका गांधी ने जब उनसे पूछा कि वे कहां से आ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वह उनके फैन हैं और उनसे मिलने के लिए आए हैं। इसके बाद प्रियंका गांधी ने उन लोगों को चाय नाश्ता कराकर रवाना किया।
प्रियंका गांधी के दफ्तर ने आईजी सीआरपीएफ को इस बारे में एक एक पत्र लिखकर सुरक्षा में ढील होने की शिकायत दी है। सीआरपीएफ ने अपनी सफाई में कहा कि दरवाजे से अंदर किसी के प्रवेश का जिम्मा दिल्ली पुलिस का है।
वहीं नई दिल्ली के एडीशनल डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि, प्रियंका गांधी के घर में किसी भी अनधिकृत वाहन के प्रवेश के बारे में स्थानीय पुलिस स्टेशन में कोई शिकायत नहीं मिली है।
गौरतलब है कि केंद्र ने पिछले महीने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार से एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा वापस ले ली थी और उसके स्थान पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराई थी।
जेड प्लस सुरक्षा के तहत सीआरपीएफ कमांडो इन नेताओं को घर पर और देश में कहीं भी यात्रा करने पर सुरक्षा प्रदान करती है।
गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने पर खासा हंगामा हुआ था और कांग्रेस ने इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। संसद में भी इस मुद्दे पर जमकर संग्राम मचा और सदन की कार्यवाही स्थगित तक करनी पड़ी थी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने भाजपा को लोकसभा में इसे लेकर घेरा था और बदले की राजनीति का आरोप लगाया था। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान इस पर जवाब दिया था।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि अबतक एसपीजी सुरक्षा के नियमों में जो भी बदलाव हुए थे, वे सिर्फ एक परिवार को ध्यान में रखकर हुए, पहली बार पीएम की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि एसपीजी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए है, इसका स्टेटस सिंबल के तौर पर इस्तेमाल नहीं होगा।
वहीं इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि मुझे अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं है। मैं अपने अधिकारियों के साथ चर्चा कर इसकी विस्तृत जानकारी हासिल कर रहा हूं।
दूसरे तरफ कांग्रेस सहित विपक्षी दल का आरोप है कि सरकार जानबूझकर राजनीतिक बदला लेने के लिए गांधी परिवार के जान को खतरे में डाल रही है , कांग्रेस शुरू से ही हमलावर है और ऐसे में प्रियंका गांधी के सुरक्षा में हुई चूक के बाद कांग्रेस सरकार पर और आक्रमक हो गई है।