लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हर के पीछे जो बड़ा कारण सामने आया उसमे वरिष्ठ नेताओं के कारण युवाओ को तवज्जों नही मिलना। जिस कारण राहुल गांधी ने नेताओ की जबाबदेही तय करने के नाम इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के एलान के साथ ही कुछ और लोगों की जवाबदेही तय करने की बात राहुल ने कही थी। राहुल का इशारा पार्टी के सीनियर नेताओं की तरफ था. हालांकि उनका इशारा जिन नेताओं की तरफ था उन्होंने अब तक न तो इस्तीफा दिया है और न ही ऐसी कोई सुगबुगाहट दिख रही है।
ऐसे में अब जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार प्रियंका गांधी भी राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी पद से अपना इस्तीफा दे सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार अगर जल्द ही सीनियर नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की तो अगला इस्तीफा प्रियका गांधी का होगा।
सीनियर नेताओ पर दबाब बनाने के लिए राहुल गांधी की युवा टीम लगातार इस्तीफे की पेशकश कर रही है इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के महासचिव और प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस्तीफा दे दिया।
सिंधिया ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वे लोकसभा चुनाव में हार की ज़िम्मेदारी लेते हैं और पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफ़ा देते हैं. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने भी रविवार को इस्तीफा दिया.
ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिलिंद देवड़ा का इस्तीफ़ा देना कई नेताओं को इसलिए भी महत्वपूर्ण लग रहा है क्योंकि ये दोनों युवा नेता राहुल गांधी के दोस्त भी हैं. ज़ाहिर है अपने इस्तीफ़े के बाद राहुल गांधी जिन कांग्रेस के नेताओं पर दबाव बनाना चाहते थे उनके साथ मिलिंद देवड़ा और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हो गए.
लेकिन कांग्रेस के इस दबाव की राजनीति का कोई ज़्यादा असर अभी तक देखने को नहीं मिला है. क्योंकि अभी तक किसी भी सीनियर नेता ने इस्तीफ़े की पेशकश नहीं की है. इस समय किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि युवाओं और बुज़ुर्गों के बीच में समन्वय कौन करे?
अब पार्टी के दूसरे युवा नेता जिनमें जितिन प्रसाद और सचिन पायलट शामिल हैं, राहुल गांधी के साथ खड़े हो गए हैं. दोनों इस बात पर ज़ोर देते रहे हैं कि राहुल गांधी ने जवाबदेही की जो बात की है उस पर अमल करने का समय आ गया है. वहीं दूसरी तरफ सीनियर नेताओं का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में इस्तीफ़े की पेशकश कर दी थी तो अब इस्तीफ़ा देने का क्या मतलब है?
ऐसे में माना जा रहा कि अगर वरिष्ठ नेताओं ने अपने तरफ से जिम्मेदारी लेने की पेशकश नही की तो वरिष्ठ नेताओं पर दबाब बनाने के लिए प्रियंका भी इस्तीफा दे देंगी।