प्रियंका को मिल सकती है कांग्रेस की कमान , कैप्टन अमरिंदर सिंह कर सकते हैं इसकी पहल

लोकसभा चुनाव में करारी हार और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस खासी पेशोपेश में फंसी हुई है। राहुल के पुन: अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह करने को लेकर पार्टी नेताओं में इस्तीफा देने वालों की पहले ही बाढ़ आ चुकी है। कांग्रेस में एक बड़े खेमे का मानना है कि अगर गांधी परिवार के अलावा किसी को अध्यक्ष बनाया जाता है तो संभवत: कांग्रेस टूटने के कगार पर पहुंच सकती है।
ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस तरह के कोई हालात न हो इसलिए गांधी परिवार से संबंधित किसी नेता को आगे बढ़कर कांग्रेस की कमान संभालनी होगी।

बिखराव की स्थिति से बचने के लिए अब  राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के रूप में 24 अकबर रोड में नए अध्यक्ष के लिए मंच तैयार हो गया है।

मिली जानकारी के अनुसार राहुल की बहन प्रियंका गांधी ही अपने भाई की उत्तराधिकारी बन सकती है। इसका फैसला कांग्रेस वर्किंग कमेटी लेगी परंतु इस निर्णय पर पार्टी के संविधान के अनुसार बेहद लोकतांत्रिक ढंग से अमलीजामा पहनाया जाएगा।

इस्तीफा के बाद  राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उनका इस्तीफा मंजूर किए जाने के बाद पार्टी का नेतृत्व कोई गैर-गांधी करे मगर सी.डब्ल्यू.सी. उनकी सलाह को मानने को बाध्य नहीं क्योंकि वह अपने उत्तराधिकारी का चयन करने से इंकार कर चुके हैं इसलिए वह उनकी बहन प्रियंका गांधी को उनका उत्तराधिकारी बनाए जाने के मामले को वीटो नहीं कर सकते।

ऐसा माना जा रहा है कि प्रियंका को अध्यक्ष बनाए जाने की पहल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह करेंगे। वह पहले ही इस बात का मजबूत प्लेटफार्म बना चुके हैं कि इस नाजुक स्थिति में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कोई युवा, गतिशील और करिश्माई नेता होना चाहिए। पार्टी में सचिन पायलट, ज्योतिराज सिंधिया जैसे कई युवा व गतिशील नेता हो सकते हैं, मनीष तिवारी व शशि थरूर जैसे अनुभवी नेता भी हैं। मगर अधिकतर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कांग्रेस में केवल एक ही युवाऔर चमत्कारी नेता है जो देश में वर्करों से जमीनी स्तर पर जुड़ा हुआ है और वह है प्रियंका गांधी।

इससे पहले कै. अमरेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि राहुल गांधी के इस्तीफा देने के दुर्भाग्यपूर्ण फैसले के बाद कांग्रेस वर्कर एक अन्य गतिशील युवा नेता को कांग्रेस अध्यक्ष देखना चाहते हैं। इसी ट्वीट में कै. अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से आग्रह किया है कि वह कोई फैसला लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि युवा भारत को एक युवा नेता की जरूरत है जो अपने देश की युवा आबादी की महत्वाकांक्षाओं से जुड़ा हो और जमीनी स्तर पर वर्करों से संबंध बनाए हो।

2019 के आम चुनावों के नतीजे को छोड़ दिया जाए तो प्रियंका गांधी ने पार्टी के लिए राहुल की तुलना में अधिक भीड़ जुटाने की अपनी क्षमता को साबित किया है। वह आक्रामक और भाजपा तथा एन.डी.ए. की आलोचना करने में काफी उग्र दिखाई दीं। यद्यपि उनका मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश ही रहा परंतु उन्होंने देश के कई हिस्सों में प्रचार किया।


जिक्रयोग्य है कि आज भी गांधी परिवार ही कांग्रेस के लिए एकीकृत और सशक्त ताकत है। राहुल गांधी ने पद छोडऩे का अपना फैसला कर रखा है और सोनिया गांधी इस स्थिति में नहीं हैं कि पार्टी का नेतृत्व कर सकें अंतत: अब यह जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को ही निभानी पड़ेगी, ऐसी प्रबल संभावनाएं बन चुकी हैं।

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