कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के रवैए पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की और उनके गला दबाने का भी प्रयास किया।
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जेल भेजे गए पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकलीं तो पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोक दिया, जिसके बाद वो पैदल चल पड़ीं। बाद में एक कार्यकर्ता के स्कूटर पर सवार होकर वो दारापुरी के घर पहुंचीं और परिवार से मुलाकात की। प्रियंका ने कहा कि उनके साथ पुलिस ने हाथापाई की और उन्हें घसीटा।
प्रियंका इस दौरान पुलिस के रवैये से काफी खफा दिखीं और उन्होंने कहा की उप्र पुलिस की ये क्या हरकत है। हम लोगों को कहीं भी आने जाने से रोका जा रहा है। मैं रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी के घर जा रही थी। उप्र पुलिस ने उन्हें एनआरसी और नागरिकता कानून का शांतिपूर्वक विरोध करने पर घर से उठा लिया है। मुझे बलपूर्वक रोका और महिला अधिकारी ने मेरा गला पकड़ कर खींचा। मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।
प्रियंका नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजी गईं लखनऊ की एक्टिविस्ट सदफ जफर और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने निकली थीं तो पुलिस ने उन्हें रोका। लखनऊ में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सीएए कानून के खिलाफ विरोध में हुई हिंसा के मामले में जेल भेजा है।
प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा कांग्रेस के 135 स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के घर जा रही थी इस दौरान ही पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।