
राजस्थान मे विस चुनाव के दौरान व्यवस्था परिवर्तन की बात करने वाले हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव मे बीजेपी की गोद मे जा बैठे जहा उन्होने नागौर से चुनाव लडकर कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को शिकस्त दी थी आपको बता दे कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एक तो बीजेपी 24 सीटो पर चुनाव लडी थी माना जा रहा था कि जाट वोट साधने के लिये हनुमान बेनीवाल को नरेंद्र मोदी मंत्री भी बना सकते हैं
23 मई के बाद से ही बेनीवाल मंत्रीपद के लिये लॉबिग करवा रहे थे लेकिन उनके हाथ मे अंत मे मायूसी ही लगी थी शपथ ग्रहण समारोह मे भी बेनीवाल इसी नाराजगी के चलते नही पहुचे आपको बता दे कि राजस्थान मे बेनीवाल की पार्टी के 3 विधायक है
मंत्री पद न मिलने के कारण बेनीवाल समर्थकौ मे सोशल मीडिया पर जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा हैं सोशल मीडिया कार्यकर्ताओ का मानना है कि बीजेपी मे जो आरएसएस कहती है वही होता है इसलिये हमारे हनुमान बेनीवाल को जगह नही मिली वही कुछ लोग आने वाले उपचुनाव व पंचायती राज चुनावो मे जवाब देने की भी धमकी दे रही है लेकिन फिलहाल अभी तक रालोपा संयोजक बेनीवाल इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे है
इन सबके बीच बडा सवाल यही है क्या भाजपा मोदी अपने सहयोगियो का यूज करने के बाद उन्हें भूल जाते है क्योंकि कल ही जदयू, अपना दल और रालोपा के नाराजगी की खबर सामने आ रही हैं