एक तरफ देश होली के रंगों में रंगा हुआ है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में सियासत बढ़ती ही जा रही है पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों का गायब होना और अब ज्योतिराज सिंधिया के समर्थक विधायक और मंत्री का बगावत करना कहीं ना कहीं कमलनाथ सरकार के लिए परेशानी बन गया है यही कारण है कि आनन फानन में कमलनाथ ने सभी मंत्रियों का इस्तीफा ले नए मंत्रिमंडल की घोषणा करने का ऐलान करके डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है।
होली से एक दिन पहले मध्यप्रदेश में सरकार बचाने और बनाने की जोड़-तोड़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच कश्मकश बेहद तेज हो गई भाजपा जहां सिंधिया की मदद से सरकार बनाने की जद्दोजहद में है, वहीं भारी संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पूरी पार्टी ने ए़़ड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।
पार्टी ने सिंधिया समर्थक मंत्री उमंग सिंघार को आगे ब़़ढाया है, वे सिंधिया को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उमंग से सिंधिया का संपर्क भी हो गया है।
पार्टी नेताओं के मुताबिक उमंग के जरिए सिंधिया को उक्त तीन तरह के प्रस्ताव भेजे गए हैं। एक, राज्य सभा सदस्य दूसरा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद और तीसरा, उनके कोटे से कैबिनेट में तीन-चार और मंत्रियों को शामिल करने का भरोसा दिलाया जा रहा है। आखिरी दांव में पार्टी की कोशिश है कि किसी भी तरीके से सरकार बचा ली जाए।
मिली जानकारी के अनुसार बेंगलुरु गए सिंधिया समर्थक मंत्री-विधायकों में भी फूट पड़ गई है। कुछ मंत्री जहां वापस कमलनाथ खेमे में आने के संकेत दे रहे हैं। वहीं विधायकों को मंत्री बनाने की पेशकश पर वे भी कमलनाथ सरकार के संपर्क में आ गए हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के अचानक दिल्ली जाने के बाद प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य ने नया मोड़ ले लिया था। कमलनाथ में ऐसी जल्दबाजी दिखी कि वे स्टेट हैंगर पर आते ही मुख्यमंत्री निवास निकल गए। वहां पहुंचते ही उन्होंने मुख्य सचिव एसआर मोहंती, डीजीपी राजेंद्र कुमार और एडीजी इंटेलीजेंस एसडब्ल्यू नकवी सहित कुछ मंत्रियों को भी बुला लिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री-विधायक अचानक रविवार देर रात से भूमिगत हो गए। वे न तो मोबाइल के नेटवर्क में थे और न ही उनके सुरक्षाकर्मियों को उनकी कोई जानकारी थी।
हड़कंप मचने के बाद नेताओं के सरकारी दफ्तर, बंगलों और गृह नगरों में इंटेलीजेंस के अधिकारी उनकी लोकेशन ढ़ूढ़ते रहे। सोमवार शाम को जैसे ही इन मंत्री और विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की सूचना मिली तो प्रदेश की सियासत में मानो भूचाल आ गया। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी विधायकों को तुरंत भोपाल पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संक्षिप्त मुलाकात कर भोपाल लौटे थे। इसके बाद कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि राज्यसभा चुनाव और मंत्रिमंडल विस्तार के संदर्भ में अध्यक्ष से मार्गदर्शन मिल गया है। देर शाम करीब साढ़े छह बजे कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के साथ जैसे ही भोपाल पहुंचे राजनीतिक हलचल एकाएक तेज हो गई। मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व लाखन सिंह को स्टेट प्लेन से भोपाल बुलाया गया है।
प्रदेश के खुफिया सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि मंत्री-विधायक सहित 17 लोग बेंगलुरु में हैं, इन्हें सिंधिया समर्थक माना जा रहा है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या सिंधिया पार्टी द्वारा भेजे गए तीन प्रस्ताव से मानकर लौट आते हैं या फिर ये सियासी नाटक लम्बी चलेगी।