कोरोना वायरस के कारण जारी लॉक डाउन से जहां गरीब मजदूर और छात्र परेशान और लाचार दिख रहे हैं तो उन्हें अब घर पहुंचाने के लिए उनसे किराए के रूप में मोटी रकम वसूली जा रही है कुछ राज्यों और शहरों से तो यह भी खबर आई कि यह रकम आम किराया से बढाकर के वसूला जा रहा है। इसको लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार का विरोध किया और कहा कि इन परेशान मजदूरों को घर तक बिना किसी किराए के पहुंचाया जाए।
जिसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल यात्रा का खर्च प्रदेश कांग्रेस कमिटी उठाएगी।
सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने फैसला लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएगी।
सोनिया गांधी ने कहा है, श्रमिक और कामगार देश की रीढ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट निर्माण की नींव हैं। सिर्फ चार घंटे नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व मजदूर घर वापसी से वंचित हो गए थे।
कांग्रेस के अधिकारिक पेज पर सोनिया गांधी द्वारा शेयर किए गए पत्र में लिखा है, 1947 की आजादी के बाद देश में ऐसा पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूह हो गए। न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन कुछ भी नहीं था केवल अपने परिवार के पास गांव पहुंचने के लिए लगन थी। लेकिन देश और सरकार का क्या कर्तव्य है। आज भी लाखों मजदूर अपने घर जाना चाहते हैं पर न साधन है और ना ही पैसा। दुख की बात यह है कि भारत सरकार और रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं।
शायद ये पहला मौका होगा कि सरकार किराया मुफ्त करने के बजाय मोटी रकम वसूल रही है और विपक्षी करोड़ो रुपया देकर फ्री में मजदूरों को घर तक पहुंचाने की पेशकश कर रही है।