महाराष्ट्र की राजनीतिक सरगर्मियां अपनी चरम सीमा पर है हर पल राजनीतिक घटनाक्रम बदलता ही जा रहा है कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना हर कीमत पर बीजेपी को रोकने के लिए एकजुट दिख रही है तो वही अजित पवार और बीजेपी सत्ता बचाए रखने का दावा कर रही है।
इन सब के बीच शिवसेना के सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें बताया कि महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम के विरोध में वे संविधान दिवस मनाने के लिए बुलाई गई संसद की संयुक्त बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। सोनिया गांधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ पर शिवसेना सांसदों का पहुंचना, वैचारिक रूप से दो विपक्षी दलों के नेताओं के बीच शायद इस तरह की पहली बैठक है।
सरकार संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार करने के 70 साल होने के उपलक्ष्य में संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को संविधान दिवस मनाने वाली है।
शिवसेना के सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा कि सांसदों ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में घटनाक्रम के खिलाफ विरोध में विपक्ष का साथ देगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी के सांसद मंगलवार को संयुक्त बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। कीर्तिकर के साथ शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत, राहुल सिवाले, अनिल देसाई ने सोनिया गांधी से आवास पर मुलाकात की। कीर्तिकर ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल भी बैठक के दौरान मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस, वाम दल, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, तेदेपा और द्रमुक द्वारा महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तथा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के खिलाफ संसद परिसर के भीतर आंबेडकर प्रतिमा के पास संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना है।
इससे पहले कल लोकसभा में भी कांग्रेस और विपक्षी दलों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और खूब नारेबाजी की थी जिसके बाद सदन को स्थगित भी करना पड़ा था। कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना हर कदम पर बीजेपी के खिलाफ एकजुट दिखकर अपने विधायको को एकजुट रहने का संदेश दे रही है।