2013 के व्यापम घोटाले में 30 लोगो को 7-7 साल और एक को 10 साल की सजा

मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही व्यापम घोटाले की जांच को तेज कर दिया गया था जिसके बाद यह तय था कि जल्द ही इस घोटाले में आरोपियों को सजा दिलवाई जाएगी क्योंकि मध्य प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने शपथ ग्रहण से पहले कहा था कि जल्द से जल्द व्यापम के घोटाले बाजों को सजा दिलाई जाएगी और साल भर पूरा होते-होते व्यापम के घोटाले बाजों को सजा मिलना शुरू हो गया है।

व्यापमं घोटाले के पुलिस आरक्षक भर्ती मामले में CBI की विशेष अदालत बड़ा फैसला सुनाया है, खबर है कि अदालत ने 30 आरोपियों को 7- 7 साल की सजा सुनाई है।

वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाया है। आपको बता दें कि इस मामले में अदालत ने पिछले हफ्ते सभी आरोपियों को दोषी माना था।

मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाले देश के चर्चित घोटालों में से एक है।सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सोमवार को व्यापमं घोटाले में 30 आरोपियों को 7-7 साल की सजा दी गई है।
वहीं मुख्य आरोपी प्रदीप त्यागी को 10 साल की सजा दी गई। आरोपियों में 12 परीक्षार्थी, 12 12 फर्जी परीक्षार्थी और 7 दलाल शामिल हैं। सभी को कोर्ट ने जेल भेज दिया।

बता दें कि 21 नवंबर 2019 को, 2013 में मध्यप्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं पुलिस भर्ती मामले में हुए घोटाले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सभी 31 आरोपियों को दोषी करार दिया था।

सीबीआई ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले की 2013 परीक्षा घोटाले के मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में गवाही 2014 में शुरू हुई थी। गवाही पांच साल चली।

आपको बता दें कि व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा सात जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया।

यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था, मुख्यमंत्री चौहान ने इस मामले को अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया।

बीजेपी सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, उनके ओएसडी रहे ओपी शुक्ला, बीजेपी नेता सुधीर शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी रहे धनंजय यादव, व्यापमं के नियंत्रक रहे पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिद्रा जेल जा चुके हैं।

इस मामले में दो हजार से अधिक लोग जेल जा चुके हैं, और चार सौ से अधिक अब भी फरार हैं. वहीं 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

घोटालेबाजों पर कसता शिकंजा स्पष्ट कर रहा है कि पूर्व सरकारों में हुए घोटालेबाज को अब और नही बख्शा जाएगा।

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