
लोकसभा चुनाव में अमेठी से पहली बार हारने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अमेठी का दौरा किया और वहां के पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की।
इस बैठक में शामिल हुए एक नेता के अनुसार राहुल गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट से अपनी हार के लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार बताया। हालांकि राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अमेठी उनका घर-परिवार है और वह इसे कभी नहीं छोड़ेंगे।
राहुल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि अमेठी उनका घर है और वह इसका दामन कभी नहीं छोड़ेंगे।
बैठक में स्थानीय शामिल नेता के अनुसार राहुल ने कहा, ”अमेठी मेरा घर-परिवार है। मैं अमेठी नहीं छोडूंगा। मैं और प्रियंका गांधी यहां आते रहेंगे।”
और “अमेठी का विकास बाधित नहीं होने दिया जाएगा। मैं वायनाड का सांसद हूं मगर अमेठी से हमारा तीन पीढ़ियों का रिश्ता है। मैं अमेठी की लड़ाई दिल्ली में लड़ता रहूंगा।”
एक और स्थानीय नेता के अनुसार राहुल ने बैठक में कहा, ”लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने काम किया पर स्थानीय नेता जनता से दूर रहे। इसी वजह से यहां उनकी हार हुई। बहरहाल, चुनाव में हार और जीत होती रहती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आप लोग जनता से जुड़ें, सब ठीक हो जायेगा।”
राहुल ने इस बैठक में गहन मंथन किया और कार्यकर्ताओं की बातें बेहद संजीदगी से सुनीं। जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं ने अपनी बात राहुल के सामने रखी। अधिकतर कार्यकर्ताओ ने संगठन की कमजोरी और प्रशासन द्वारा धांधली कराये जाने का आरोप लगाया। कई नेताओं ने कांग्रेस सेवादल, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई सहित कांग्रेस के अनुषंगिक संगठनों की घोर उपेक्षा को भी हार का बड़ा कारण बताया।
कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि यहां कांग्रेस संगठन कुछ लोगों तक सीमित हो गया और पूरे जिले में कांग्रेस को कमजोर कर दिया गया है। चुनाव में रणनीति के अभाव में पार्टी का प्रचार नहीं हुआ। कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी के स्थानीय नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत की शिकायत भी की।
कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में राहुल से अपना त्यागपत्र वापस लेने की गुजारिश की।