
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया। कांग्रेस द्वारा भारी विरोध किए जाने के बाबजूद संख्याबल के आधार पर बीजेपी सरकार ने इसे दोनों सदनों में पास करवा लिया।
इस बिल के पास होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे कट्टरपंथी ताकतों का जीत बताया।
” सोनिया गांधी ने कहा है कि आज का दिन भारत के संवैधानिक इतिहास का काला दिन है”
सोनिया ने एक बयान जारी कहा, ‘आज भारत के संवैधानिक इतिहास का काला दिन है. नागरिकता संशोधन बिल का पास होना भारत के बहुसंख्यकवाद पर संकीर्ण मानसिकता और कट्टरपंथी ताकतों की जीत का परिचायक है. सोनिया ने कहा कि हमारे पूर्वज आइडिया ऑफ इंडिया के जिस आदर्श को लेकर लड़े थे, ये बिल मौलिक रूप से उसके खिलाफ है. ये बिल एक ऐसे विकृत और बंटे हुए भारत के निर्माण की कोशिश करता है, जहां धर्म ही राष्ट्रीयता को निर्धारित करेगा.
बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में पूरी ताकत के साथ इस बिल का विरोध किया था, और बिल को असंवैधानिक और धर्म के आधार पर बांटने वाला करार दिया था. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 के खिलाफ 105 वोट और समर्थन में 125 वोट पड़े थे.
सोनिया ने कहा कि हमारा देश का वो इतिहास रहा है जहां ऐतिहासिक रूप से सभी धर्मों और सभी देश के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाती रही है.
सोनिया ने कहा है कि ये विडंबना है कि ये बिल तब पास हुआ है जब देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी का 150वीं जयंती मना रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मलाल के इस मौके पर कांग्रेस पार्टी कहना चाहती है कि वो बीजेपी की बंटवारे और धुव्रीकरण की राजनीति के खिलाफ लगातार पूरी शिद्दत के साथ लड़ती रहेगीं।
इससे पहले कांग्रेस के सांसदों ने दोनों सदनों में अपने विरोध और तर्क से सरकार को इस बिल को वापस लेने के लिए दबाब बनाया मगर संख्याबल के अभाव में कांग्रेस हर सम्भव प्रयास के बाबजूद इस बिल को नही रोक पाई। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों का मानना है कि ये बिल भारत के संस्कृति सर्व धर्म समभाव की विचारधारा और संविधान के धर्मनिरपेक्षता पर हमला है।