देश में बढ़ रही बेरोजगारी और केंद्र की भाजपा सरकार एवं भाजपा नेताओं के युवा विरोधी छवि के कारण अब भारतीय जनता पार्टी की छात्र संगठन ABVP को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि ABVP इन दिनों छात्र संघ के चुनाव में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का गृहराज्य और बीजेपी का मजबूत किला माने जाने वाला गुजरात में हुए गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में ABVP को तगड़ा झटका लगा है।
इस चुनाव में ABVP का सूपड़ा साफ हो गया है। NSUI, SFI, LDSF और बापसा के संयुक्त मोर्चे ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए ABVP सहित राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार को तगड़ा झटका दिया है। इस चुनाव में ABVP एक भी प्रत्याशी भी नहीं जीत सका .
गुजरात सेंट्रल यूनीवर्सिटी के विभिन्न संकायों में हुए चुनाव में संयुक्त मोर्चे के प्रत्याशियों ने ABVP उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराया है। यूनिवर्सिटी के भाषा एवं साहित्य अध्ययन केंद्र से SFI के चितरंजन कुमार, अंतरराष्ट्रीय केंद्र से LDSF की प्राची लोखंडे, सामाजिक विज्ञान केन्द्र से बापसा के अशरफ दीवान, लाइब्ररी साइंस से NSUI के विजेंद्र कुमार ने जीत हासिल की है।
इस नतीजे से जहां ABVP के साथ-साथ बीजेपी के अंदर भी चिंता बढ़ गई है तो वही इस नतीजे से स्पष्ट हो गया है कि देश के युवा सरकार से नाखुश हैं।