नागरिकता संशोधन कानून पर मचे बबाल के बीच अपने सम्बोधन में क्या बोली सोनिया गांधी

देश मे नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर देश के हर हिस्से में बबाल मचा हुआ है। पूर्वोत्तर से चली विरोध की ये लहर देश के हर हिस्से में पहुंच चुकी है , जिस कारण से हर जगह इसके खिलाफ आंदोलन हो रहा है।

ऐसे में शुरू से ही इस बिल का विरोध कर रही कांग्रेस भी कई जगहों ओर सरकार के खिलाफ आंदोलन करती दिख रही है।

इन सबके बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देशवासियों के नाम एक संदेश जारी किया है। सोनिया गांधी ने अपने मैसेज में केंद्र सरकार की आलोचना की है और लोगों के साथ खड़े होने की बात कही है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि कांग्रेस पार्टी देशभर में छात्रों, युवाओं के साथ भाजपा सरकार की दमनकारी नीति पर संवेदना जाहिर करती है।

रायबरेली सांसद गांधी ने कहा है, भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। लोकतंत्र में लोगों को अपनी आवाज उठाने, विरोध जताने का हक है। सरकार का भी कर्तव्य है कि नागरिकों की बात सुने लेकिन दुख की बात है की असहमति की आवाज को बर्बरता से कुचला जा रहा है। लोकतंत्र में ये स्वीकार नहीं किया जा सकता। कांग्रेस इस सरकार की इन नीतियों की पुरजोर निंदा करती है और भारतीयों के साथ खड़ी है।

सोनिया गांधी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है। नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। एनआरसी समाज के गरीब और कमजोर तबके को बेहद नुकसान पहुंचाएगी, लोगों की आंशकाएं जायज हैं। कांग्रेस संविधान के बुनियादी मूल्यों को बचाने के लिए लोगों के साथ है।

पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार द्वारा आंदोलन को कुचलने के लिए उठाए जा रहे कदमो की निंदा करते हुए सरकार पर हमला किया था।

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