देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है ऐसे में इसकी जांच को लेकर तेजी लाने के लिए खरीदी गई त्वरित एंटीबॉडी जांच किट में भ्रष्टाचार का मामला सामने आते हुए दिख रहा है जो अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है कि इस महामारी के समय में भी कुछ लोग किस प्रकार से अपनी जेब भरने की कोशिश में लगे हुए हैं।
चीन से आयात की गयी त्वरित एंटीबॉडी जांच किट को लेकर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मांग की कि इस ‘मुनाफाखोरी और कालाबाजारी’ की तत्काल जांच कराकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए व आयात से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अनुचित मुनाफा’ कमाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ”जब समूचा देश कोविड-19 आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग अनुचित मुनाफ़ा कमाने से नहीं चूकते। इस भ्रष्ट मानसिकता पर शर्म आती है, घिन आती है।” गांधी ने कहा, ” हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि इन मुनाफ़ाख़ोरों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाए। देश उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।”
पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस की जांच के किट के आयात से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं ताकि देश को पता चल सके कि कौन लोग संकट के समय ऐसी गतिविधि में शामिल हैं। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ”एक कंपनी को ठेका दिया गया कि वह चीन से पांच लाख जांच किट खरीदे। वह ठेका आईसीएमआर के कहने पर दिया गया। चीन से जो किट आयात किए गए हैं उनकी कीमत 245 प्रति किट बनती है। पांच लाख किट की कुल कीमत 12 करोड़ 25 लाख रुपये बनती है।”
तिवारी ने कहा, ”आयात करने वाली कंपनी ने ये किट दूसरी कंपनी को 21 करोड़ रुपये में बेचे। फिर इस कंपनी ने आईसीएमआर को ये किट 30 करोड़ रुपये में दी। इस तरह दो कंपनियों ने मिलकर 18.75 करोड़ रुपये का मोटा मुनाफा कमाया।” उनके मुताबिक, जिस कंपनी ने चीन से आयात किया, वही कंपनी तमिलनाडु सरकार को 400 रुपये प्रति किट की कीमत से ये किट दे रही है। अदालत ने फटकार लगाई तो उस कंपनी ने कहा कि हम 400 रुपये में आईसीएमआर को आपूर्ति कर देंगे।
उन्होंने कहा, ” इस समय कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को रोकने की जरूरत है। सरकार से हम मांग करते हैं कि इस मामले की तत्काल जांच होनी चाहिए और महामारी के समय इस मुनाफाखोरी पर रोक लगनी चाहिए। जितनी भी किट आयात हुई हैं उनसे जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किये जाने चाहिए ताकि देश को पता लगे कि कौन लोग ऐसा कर रहे हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस का इस मामले पर अदालत जाने का विकल्प खुला हुआ है तो तिवारी ने कहा कि अगर सरकार अपने कदम पीछे खींचती है तो सारे विकल्प खुले हुए हैं।
महामारी के समय भी कीट की खरीदारी में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सामने आने के बाद सवाल उठता है कि कम्पनियां और सरकार को महामारी से लड़ना है या फिर सिर्फ मुनाफाखोरी ही करते रहना है।