मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के करीब दस महीने बाद जीतू पटवारी ने राज्य कार्यकारिणी का ऐलान किया. राज्य कार्यकारिणी के ऐलान में सबसे महत्वपूर्ण 16 सदस्यों वाली कार्यकारी समिति है.
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे पूर्व सांसद नकुलनाथ को जगह नहीं मिली है. जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह को जगह दी गई है. इसमें विधानसभा चुनाव हारे कुणाल चौधरी और नीलांशु चतुर्वेदी को भी शामिल किया गया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 33 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य भी बनाए हैं. उनकी टीम में सभी गुटों को साधने की कोशिश की गई है.
कांग्रेस की राज्य कार्यकारिणी में 50 प्रतिशत से ज्यादा सदस्य युवा चेहरे हैं. करीब 15 प्रतिशत पद महिलाओं से भरे गए हैं. प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में पहली बार है जब महिलाओं को कार्यकारिणी में सभी पदों पर पर्याप्त जगह दी गई है. जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश की गई है. बीजेपी और अन्य दलों से आए लोगों को भी सम्मानजनक स्थान मिला है.
इस कार्यकारिणी में महिलाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है। कुल 177 सदस्यों में केवल 20 महिलाएं शामिल हैं, जो कुल सदस्यों का केवल 11 प्रतिशत है। इनमें 2 उपाध्यक्ष, 12 महासचिव, 1 कार्यकारी सदस्य, 2 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 3 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। यह महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है।
कार्यकारिणी में शामिल 17 उपाध्यक्षों में से 7 कमलनाथ के करीबी हैं, जबकि 5 दिग्विजय सिंह के। महामंत्रियों की बात करें तो 71 महासचिवों में से 23 सीधे कमलनाथ के सहयोगी हैं। इस प्रकार, कार्यकारिणी में कमलनाथ और दिग्विजय का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
16 कार्यकारी सदस्यों में कई सीनियर नेताओं का नाम शामिल है:
पूर्व सीएम कमलनाथ
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव
पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा
पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल
पूर्व मंत्री ओमकार मरकाम
पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल
पूर्व विधायक निलांशु चतुर्वेदी
पूर्व विधायक कुणाल चौधरी
मनोज चौहान
भूपेन्द्र मरावी