मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में CAB के खिलाफ कांग्रेस करेगी पैदल मार्च

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में बवाल मचा है कहीं हिंसक प्रदर्शन की खबर सामने आ रही है तो कहीं शांतिपूर्ण ढंग से इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी इसे वापस लेने की मांग करते हुए नजर आ रहे हैं।

असम और पूर्वोत्तर भारत से चला विरोध का यह लहर देखते ही देखते देश के हर हिस्से में पहुंच गया है। अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी साफ कर दिया है कि वो इस कानून का विरोध करेगी

मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और सरकार के सभी मंत्री और कांग्रेस कार्यकर्ता 25 दिसम्बर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पैदल मार्च करेंगे.

क्रिसमस के दिन दोपहर 12 बजे भोपाल के रंगमहल चौराहे से मिंटो हॉल तक पैदल मार्च होगा. ये पैदल मार्च मिंटो हॉल में बनी गांधी जी के प्रतिमा के सामने जाकर समाप्त होगा!

सरकार के कानून मंत्री पीसी शर्मा का दावा है कि हजारों लोग इस पैदल मार्च में शामिल होंगे.

पीसी शर्मा ने मीडिया के लोगो से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जो काला कानून बनाया है. उसको देश मे किसी भी वर्ग का समर्थन नहीं मिल रहा है इसलिए इसका विरोध हो रहा है. मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक इस कानून में जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है उसके कारण ही पूरे देश मे विरोध और हिंसा की तस्वीर सामने आ रही है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा था कि इस बिल को संसद में लाने से पहले केंद्र सरकार ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भरोसे में नहीं लिया।

उनका कहना है कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर केंद्र सरकार की जिद के कारण हालात काबू से बाहर हैं और इसलिए इस कानून को लेकर जो कांग्रेस का स्टैंड है वहीं मध्यप्रदेश सरकार का स्टैंड रहेगा.

पूर्वोत्तर भारत के बाद सबसे अधिक इस कानून का विरोध देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों के द्वारा किया जा रहा है जिसे अब धीरे-धीरे राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलता हुआ नजर आ रहा है कांग्रेस की तरफ से कई नेता इसका खुलकर विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं जबकि दोनों सदनों में भी कांग्रेस ने इसका खुलकर विरोध किया था

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