दिल्ली विस चुनाव मे मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी बीजेपी व कांग्रेस के मध्य माना जा रहा है लेकिन टीवी मीडिया का मानना है कि इस चुनाव मे कांग्रेस कोई रेस मे नही है ऐसा ही मानना झारखंड मे भी था झारखंड मे तमाम एग्जिट पोल हेमंत सोरेन की सरकार बनने का तो बता रहे थे लेकिन कांग्रेस की सीटे महज 5-6 ही बता रहे थे लेकिन परिणाम उसके विपरित आया कांग्रेस ने झारखंड मे 16 सीटे लाकर लगभग 50 से अधिक स्ट्राइक रेट से ना सिर्फ खुद को साबित किया उसके साथ खुद की मजबूत सत्ता मे भागीदारी दिखायी
यही हाल दिल्ली मे है कांग्रेस ने जो दिल्ली मे चुनावी नारा दिया है वो आम आदमी के दिमाग मे बैठ चुका है ” कांग्रेस वाली दिल्ली ” का नारा खूब दिल्ली मे गूंज रहा हैं
जमीनी सर्वैक्षण व रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस 21-28 सीटो पर मजबूत नजर आ रही है मतलब सत्ता के करीब इसकी एक वजह केजरीवाल का CAA के पक्ष मे खुलकर खडा न होना भी माना जा रहा है लगभग 40 सीटो पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है जहा कांग्रेस की स्थिति बेहतरीन है कांग्रेस की तरफ से इस चुनाव मे पूरी मजबूती से आप और बीजेपी से मुकाबला किया जा रहा है
राजनैतिक विश्लेषको का मानना है कि जैसे जैसे चुनावी तारीख आयेगी वैसे वैसे अभी और कांग्रेस का माहौल बनेगा और कांग्रेस का मुख्यमंत्री भी बन सकता है अब देखने वाली बात है कि क्या कांग्रेस 8 फरवरी खुद के पक्ष मे और अधिक माहौल बना पाती है या नही?