
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन इतना बुरा रहा कि फिर एक बार विपक्ष के नेता बनने के लिए आवश्यक सीट भी नही पहुंच सकी और सिर्फ 52 सीटों पर सिमट गई लेकिन इसके अलग अगर निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन देखा जाए तो कांग्रेस हाल में हुए सभी नगर निकायों की चुनावो में जीत दर्ज की है।
लोकसभा चुनाव के बाद हुए कर्नाटक , राजस्थान के बाद पंजाब में भी निकया चुनाव कांग्रेस जीत गई है। इन सभी निकाय चुनाव में कांग्रेस ने लोकसभा के प्रदर्शन के ठीक विपरीत प्रदर्शन किया जहां कर्नाटक में लोकसभा में कांग्रेस 28 में से सिर्फ 1 सीट जीत पाई थी वहां कांग्रेस निकाय चुनाव में बीजेपी और जेडीएस का सूपड़ा साफ करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनी। वही राजस्थान में कांग्रेस 25 में 0 सीट जीती थी पर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया और अब पंजाब में भी बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया।
इन नतीजों से साफ पता चल रहा है जमीन पर कांग्रेस की उपस्थिति अभी भी बरकरार है परंतु उसे राष्ट्रीय और प्रदेश कमिटी में जमीनी चेहरों को तरजीह देकर चुनावो में मजबूत और जमीनी चेहरा के साथ स्थानीय मुद्दों के दम पर चुनाव लड़ना होगा क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दे पर भाजपा राष्ट्रवाद के नाम पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर देती है।