लोकसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद राहुल गांधी के इस्तीफे ने कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को में निराशा का माहौल बना दिया था लेकिन सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में हो रही लगातार बदलाव और सकारात्मक चर्चा से पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा कम हो रहा है तो वही नेताओं में भी ऊर्जा देखी जा रही है और कहीं ना कहीं वह अब संतुष्ट दिख रहे हैं।
पार्टी के एक युवा नेता ने कहा की ‘बहुत दिनों के बाद एक अच्छी चर्चा हुई। इससे उम्मीद जगी हैं। पार्टी वापस सही दिशा पर आ रही है।’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई महासचिवों, प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक के बाद उसने ये बात कही । एक युवा नेता की यह टिप्पणी पार्टी नेतृत्व के करिश्मे से उम्मीद के लिए काफी हैं। क्योंकि, अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी यह संदेश देने में सफल रही कि सफलता हमेशा संघर्ष के बाद ही मिलती है।
करीब एक साल आठ माह बाद कांग्रेस अध्यक्ष की दोबारा जिम्मेदारी संभालने के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ पहली बैठक की। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में सोनिया गांधी ने सभी नेताओं की बात सुनी और अपनी राय भी रखी। बैठक के बाद एक पदाधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हम 2004 के चुनाव से पहले के माहौल में हैं। अपनी गलतियों से सबक लेते हुए नई रणनीति बना रहे हैं।
सोनिया गांधी ने बैठक में हर पदाधिकारी की बात सुनने की कोशिश की। चर्चा के दौरान उन्होंने पदाधिकारियों से सवाल भी किए और उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। पार्टी नेता मानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष ने जिस तरह अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की है, उससे पार्टी नेतृत्व व नेताओं और नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच संवाद बढेगा। इससे संगठन को मजबूती मिलेगी और नेताओं व कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा।
पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यह संदेश देने में सफल रही कि सड़क पर संघर्ष के बगैर सत्ता तक पहुंचना मुमकिन नहीं है। वहीं, आरएसएस से मुकाबले के लिए अपनी विचारधारा को मजबूत करना होगा। बूथ से प्रदेश तक कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी करनी होगी। इसलिए, जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने प्रशिक्षण पर जोर दिया। पार्टी के एक नेता ने कहा कि बैठक में पहले के मुकाबले अधिक सक्रियता थी।
धीरे-धीरे ही सही मगर पार्टी जिस तरह से बदलाव कर रही है और नेताओं में जिस तरह सकारात्मक उर्जा का प्रभाव हो रहा है उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस धीरे-धीरे अपने को बूथ स्तर पर मजबूत करके भाजपा के मुकाबले तैयार हो रही है। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में हर दिन कोई न कोई बदलाव हो रहा है और इसका असर कार्यकर्ताओं के मनोबल और नेताओं के उत्साह में देखने को मिल रहा है। अब ये जीत में कैसे बदलता है ये भविष्य में दिखेगा।