कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों से राहत कोष में दान देने की अपील कि, जिसके बाद लोगों से खुलकर दान दिए। सांसद और विधायकों ने भी अपने निधि से कुछ पैसे कोरोना राहत कोष में दान दिए थे। लेकिन कई विधायक ऐसे हैं जो सरकार के काम से खुश नहीं हैं और अब दान की गई विधायक निधि की रकम वापस मांग रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और दान की गई रकम वापस मांग रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के गोपामऊ विधानसभा के बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने अपनी विधायक निधि से 25 लाख रुपए कोरोना फंड में दिए थे। अब उन्होंने हरदोई जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कहा है कि उनके दिए पैसों का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है इसलिए उनकी विधायक निधि का पैसा वापस किया जाए।
बीजेपी विधायक का कहना है कि उनके द्वारा दी गई रकम का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। विधायक श्याम प्रकाश ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी का भी आरोप लगाया है। विधायक का कहना है कि उनके बार-बार पूछने पर भी प्रशासन द्वारा पैसों का कोई हिसाब नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उनके द्वारा दी गई धनराशि तत्काल उनकी विधायक निधि में वापस भेजी जाए, ताकि वह इसका इस्तेमाल जनहित के कार्यों में कर सकें।
बीजेपी विधायक श्मा प्रकाश ने कोरोना वायरस से लड़ाई में योगदान के नाम पर बीती 26 मार्च को विधायक निधि से 25 लाख रुपए मुख्य विकास अधिकारी को दी थी और एक पत्र लिखकर कहा था कि इस राशि से सीएचसी, पीएचसी में चिकित्सा सामग्री किट और इलाके की जनता के लिए सैनेटाइजर खरीदे जाएं। विधायक का आरोप है कि अभी तक सैनेटाइजर की खरीद नहीं हुई है और ना ही स्वास्थ्यकर्मियों को चिकित्सा सामग्री मिल पायी है।
गौरतलब है कि श्याम प्रकाश के अलावा और कई विधायकों ने भी विधायक निधि से कोरोना राहत कोष में दिए धनराशि की वापसी की मांग की थी। बता दें कि इससे पहले जौनपुर के बीजेपी एमएलसी समेत 4 विधायकों और बसपा की एक विधायक ने भी विधायक निधि से कोरोना फंड में दी गई धनराशि वापस मांग ली थी।
जिन विधायकों ने विधायक निधि से दान दी गई रकम को वापस करने की मांग की है उनमें बीजेपी एमएलसी विद्यासागर सोनकर (एक करोड़), बीजेपी विधायक रमेश चंद्र मिश्रा (23 लाख), दिनेश चौधरी (10 लाख), हरेंद्र प्रसाद सिंह (10 लाख) और बीएसपी विधायक सुषमा पटेल (5 लाख) शामिल हैं।