भाजपा के खिलाफ EVM में हेरफेर को लेकर फिर एक बार सवाल उठ रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट के चुनावी नतीजा पर सवाल उठ रहा है और फिर से चुनाव कराने की मांग हो रही है।
इंदौर में भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने लाखों वोटों के साथ चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव मे भाजपा को मिली जीत के बाद पार्टी में खुशी की लहर थी, लेकिन अब ये खुशी ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई।
इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी की अब परेशानी बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि उन्होने चुनाव जीतने के लिए EVM के इस्तेमाल में गड़बड़ी की, जिसके बाद अब उनके खिलाफ कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है।
उनके खिलाफ इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार पंकज संघवी ने याचिका दायर की है, उनका कहना है कि भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है। याचिका में लोकसभा सांसद के रूप में लालवानी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इसे शून्य घोषित करने की गुहार की गयी है। लालवानी ने लोकसभा चुनाव में 10 लाख 68 हजार 569 मत हासिल कि थी। वहीं उन्होने प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को पांच लाख 47 हजार 754 वोटों के अंतर से हराया था।
भाजपा सांसद शंकर लालवानी लोकसभा चुनाव में देशभर में सबसे ज्यादा वोट पाकर संसद के निचले सदन पहुंचे हैं।
अब देखना है कि इस पर आगे की करवाई क्या होती और यदि गड़बड़ पकड़ा जाता है तो देशभर में इसका क्या परिणाम होता है।
पंकज संघवी के वकील अभिनव धनोदकर ने इस बारे में बताया कि मेरे मुवक्किल ने अपनी याचिका में इंदौर क्षेत्र में मई में संपन्न लोकसभा चुनावों में EVM के इस्तेमाल में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि मतदान और मतगणना के वक्त EVM के इस्तेमाल को लेकर निर्वाचन आयोग की तय प्रक्रिया तथा नियम-कायदों का पालन नहीं किया गया जिसका चुनावों में लालवानी को अनुचित फायदा मिला।’ दायर याचिका में यह भी कहा जा रहा है कि मतगणना के समय EVM की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज मिली थीं, जबकि इन्हें मतदान के दिन सुबह सात से शाम छह बजे तक लगातार 11 घंटे चलाया गया था। इसके बावजूद बैटरी का 99 प्रतिशत चार्ज मिलना संकेत देता है कि मतदान के बाद बैटरी को इस्तेमाल किया गया था।