महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार की रात अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए और उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के किसानों के लिए ठोस कदम उठायेगी।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले ठाकरे ने दक्षिण मुंबई के सहयाद्री गेस्ट हाउस में कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
इस साझा कार्यक्रम में किसानों और खेती को पहली प्राथमिकता देते हुए सरकार बनने के साथ ही फौरन कर्जमाफी और मुआवजे का ऐलान किया गया है। साथ ही इस दस्तावेज में बेरोजगारी दूर करने और महिला सुरक्षा के साथ शिक्षा के मुद्दे पर भी प्रमुखता से फोकस करने का ऐलान किया गया है। कार्यक्रम में शिक्षित युवाओं की समस्याओं के प्रति गंभीरता दिखाते हुए कई अहम कदम उठाने की बात कही गई है, जिसमें नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 80 प्रतिशत आरक्षण और बेरोजगार युवाओं को फेलोशिप देने की बात शामिल है। साथ ही लोगों को एक रुपये में इलाज देने की बात भी सरकार के एजेंडे में शामिल है।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट के पहले फैसले में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ किले के पुनरूद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से किसानों के लिए सभी मौजूदा योजनाओं की समीक्षा कर गौर करने को कहा है कि इससे किसानों को असल में कितना फायदा हुआ है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”यदि हम वास्तविकता जानेंगे तो हम अच्छा काम कर सकते हैं। हमने जानकारी मांगी है। किसानों को सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। हम किसानों की ठोस मदद करना चाहते हैं। ”
उन्होंने कहा, ”मैंने मुख्य सचिव से किसानों के लिए चलायी जा रही योजनाओं और उससे किसानों को कितना फायदा हुआ है, इस बारे में सही तस्वीर पेश करने को कहा है।”
ठाकरे ने पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार पर भी निशाना साधा, जिसने जून 2017 में किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा की थी।
ठाकरे ने कहा, ”अब तक किसानों से झूठे वादे किए गए और उन्हें फायदा नहीं हुआ। मैंने देखा है कि किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र दिए गए, लेकिन असल में उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा, ”हम राज्य में ऐसा माहौल सुनिश्चित करना चाहते हैं जहां कोई भी आतंकित महसूस नहीं करेगा।”
शपथ ग्रहण समारोह के पहले तीनों दलों ने राज्य के लिए अपना न्यूनतम साझा कार्यकम पेश किया।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर अपना असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि इसमें उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के बारे में बात नहीं की गयी है।
इस बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ”मंत्रिमंडल समूचे महाराष्ट्र का होता है और ऐसी टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पांच साल मुख्यमंत्री थे। मंत्रिमंडल खास क्षेत्र का नहीं होता बल्कि यह पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करता है।
तीनों दलों का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी करते हुए शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि गठबंधन का साझा कार्यक्रम सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के निर्देशन में तैयार किया गया है। एनसीपी नेताओं के साथ साझा कार्यक्रम जारी करते हुए शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ‘देश सबसे पहले’ के नारे के साथ आगे बढ़ेगी। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि समाज का कोई भी तबका भय में न रहे। सरकार सभी धर्मों को साथ लेकर चलेगी और राज्य को विकास के पथ पर लेकर जाएगी। शिंदे ने कहा कि संविधान के मूल तत्वों को केंद्र में रखकर सभी भाषा-प्रातों को साथ लेकर यह सरकार आगे बढ़ेगी। हम किसी भी तरह का भेदभाव जनता के साथ नहीं होने देंगे।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम की मुख्य बातें
• बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को तुरंत राहत दी जाएगी
• किसानों के कर्ज तुरंत माफ किए जाएंगे
• जिन किसानों ने अपनी फसल खो दी है, उन्हें तत्काल मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए फसल बीमा योजना को संशोधित किया जाएगा
• कृषि उपज के लिए पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय किया जाएगा
• सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्थायी जल आपूर्ति प्रणाली के निर्माण के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे
ठाकरे के मीडिया से बात करते समय उनके साथ मंत्रिमंडल के सहयोगी छगन भुजबल, जयंत पाटिल, बालासाहेब थोराट और नितिन राउत भी थे।