उन्होंने लिखा, ‘कोई भी व्यक्ति तब कैलास जाता है, जब वह उसे बुलाता है। यह सौभाग्य पाकर मैं बेहद खुश हूं और इस बेहद खूबसूरत यात्रा के दौरान मैंने क्या देखा, वह आपके साथ साझा करूंगा।’
एक अन्य ट्वीट में इशारों-इशारों सरकार को भी सीख देते हुए राहुल ने मानसरोवर झील की तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, ‘मानसरोवर झील का पानी बेहद शांत, स्थिर और कोमल है। वह सबकुछ देती है और कुछ नहीं लेती। इसे कोई भी ग्रहण कर सकता है। यहां कोई घृणा नहीं है। इसलिए भारत में इस जल को पूजा जाता है।’
31 अगस्त को राहुल गांधी ने संस्कृत श्लोक के साथ कैलास पर्वत की तस्वीर पोस्ट की है। कांग्रेस अध्यक्ष की यात्रा से पहले पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, ‘शिव भक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए निकल चुके हैं। वह कैलास पर्वत की परिक्रमा करेंगे। इस यात्रा में 12-15 दिन का वक्त लगेगा, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनके रूट की जानकारी नहीं दी जा सकती है।’
राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया था, जिसमें कहा गया था कि यात्रा के दौरान राहुल ने नॉनवेज भोजन किया था। हालांकि कुछ देर बाद काठमांडू के रेस्तरां ने सफाई दी कि राहुल ने सिर्फ ‘सिर्फ शाकाहारी भोजन’ ही किया है।
यात्रा पर भाजपा के द्वारा किया जा रहा विवाद शर्मनाक है। धार्मिक यात्रा पर भी राजनीति करने से भाजपा ने ये साफ कर दिया कि उसे किसी धर्म के प्रति आस्था या सम्मान नही है।