महाराष्ट्र में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच श्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार गठन का मामला सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर आज पहुंच गया!
महाराष्ट्र में शनिवार सुबह अचानक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को शपथ दिलाए जाने के खिलाफ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट रविवार को सुबह 11.30 बजे सुनवाई करेगी।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शनिवार शाम सुप्रीम कोर्ट पहुंची और नई सरकार को 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश देने की अपील की थी।
भाजपा से नाता तोड़ चुकी पार्टी ने इस मामले में शीर्ष अदालत से आज ही रात याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि खरीद-फरोख्त रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह 24 घंटों के भीतर बहुमत साबित करे।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस तीनों ने देर शाम संयुक्त रूप से याचिका दायर की और इसमें केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, श्री फडणवीस तथा राकांपा नेता अजित पवार को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता का यह प्रयास है कि न्यायालय रात में ही मामले की सुनवाई करे, लेकिन इस बारे में अभी संशय बरकरार है।
याचिका में राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा श्री फडणवीस को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किये जाने को असंवैधानिक, निरंकुश, गैर-कानूनी एवं संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करार देने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है!
याचिकाकर्ताओं ने शिवसेना- राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ‘महा विकास अघाड़ी’ को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का राज्यपाल को निर्देश देने की भी मांग की है।
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘महाविकास अघाड़ी’ के पास 144 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि श्री फडणवीस सरकार बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे है।
शीर्ष अदालत के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे परिवार सहित तिरुपति की दो-दिवसीय यात्रा पर हैं और उन्हें कल देर शाम तक दिल्ली वापस आने का कार्यक्रम है।
शीर्ष अदालत के सूत्रों के मुताबिक, याचिका स्वीकार कर ली गई है और सुनवाई के लिए रविवार को सुबह 11.30 बजे का समय तय किया है।