
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच होने वाली मुलाकात के टलने के बाद तरह तरह के कयासों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसको लेकर खुद चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्होंने समय नही मांगा था।
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच होने वाली बैठक टलने की खबरों के बीच सिंधिया की तरफ से सफाई आई है। इस बारे में सिंधिया ने कहा, ‘मैंने सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय नहीं मांगा था, ऐसी खबरें गलत थीं, मैं महाराष्ट्र चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।’
बता दें कि सिंधिया और सोनिया गांधी की मुलाकात बुधवार को राजधानी दिल्ली में होनी थी। इस मुलाकात में मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद के बारे में चर्चा की जानी थी। साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस की एक बैठक बुधवार को हुई। महाराष्ट्र में इस बार इस बार कांग्रेस और एनसीपी मिलकर भाजपा-शिवसेना गठबंधन से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में साल 2014 का चुनाव भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा था। 124 सीटों पर जीत हासिल करने के साथ भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। चुनाव के बाद भाजपा-शिवसेना की सरकार बनी थी। इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में प्रदेश नेतृत्व में बदलाव करने के साथ साथ ज्योतिरादित्य को बड़ी जिम्मेदारी महाराष्ट्र में दी है। इससे अलग मध्यप्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी खूब बयानबाजी हो रही है और सिंधिया के समर्थक हर हाल में उन्हें अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। जबकि कुछ नेता इसके पक्ष में नही हैं मगर सिंधिया का मजबूत जनाधार देखते हुए पार्टी उनके समर्थकों की मांगों को नजरंदाज भी नही कर पा रही है।