मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अब अपनी शक्ति प्रदर्शन कर चुनावी शंखनाद कर रही है।
इस चुनाव का केंद्र बिंदु ग्वालियर है क्योंकि 16 सीट इस क्षेत्र के हैं और यह राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव वाला क्षेत्र है।
दरसल ग्वालियर ना केवल भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मजबूत जमीन भी है। जयविलास पैलेस के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले दिनों ग्वालियर में 3 दिन तक बैक-टू-बैक सदस्यता महाकुंभ का आयोजन करके अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।
अब कमलनाथ की कांग्रेस भी सिंधिया के गढ़ में सिंधिया से भी बड़ा जलवा करने की तैयारी में है।
माना जा रहा है कि ग्वालियर में सिंधिया के शो में करीब 50000 लोग शामिल हुए थे।
कमलनाथ का यह मेगा शो सिंधिया-शिवराज के शो का कबाब माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा ने दावा किया गया था कि सिंधिया के आने के कारण 76 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली।
अब कमलनाथ भी सिंधिया के गढ़ से उप चुनाव के लिए प्रचार का शंखनाद करने जा रहे हैं।
भारतीय जनता का पार्टी के कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी की तरफ से जिस तरह का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया, इससे कांग्रेसी काफी उत्साहित है। इसी सिग्नल को ट्रैक करते हुए कमलनाथ के सोशल इंजीनियर गांव-गांव से लोगों को लाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। कम से कम 100000 लोगों का टारगेट सेट किया गया है। भोपाल से लेकर चंबल के बीहड़ में चौपाल तक तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है। यदि कमलनाथ के इस शो में सचमुच 1 लाख लोग दिखाई दे गए, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर होगा और जीत सुनिश्चित लेकिन यदि ‘जय-जय कमलनाथ’ के नारों से जय विलास पैलेस की दीवारों में दरक दिखाई नहीं दी तो कम से कम इन 16 सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही कमलनाथ चुनाव हार जाएंगे।
कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा से मिली जानकारी के मुताबिक कमलनाथ का कार्यक्रम तैयार हो रहा है। 10 से 12 तारीख के बीच वो ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। इसकी तैयारियां की जा रही है।
अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि सिंधिया के गढ़ में कमलनाथ भाड़ी पड़ते हैं या फिर शिवराज-सिंधिया की जोड़ी।