मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि कांग्रेस अब भाजपा के शासनकाल में हुए घोटालों का ने सिरे से जांच कराने की सिफारिश कर रही है। शिवराज सिंह की सरकार में हुए व्यापम और डंपर घोटाले जैसे बड़े घोटाले की नए सिरे से जांच और इस जांच में तेजी लाने के लिए कर कांग्रेस सरकार सिफारिश कर रही है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में व्पापमं घोटाले की जांच नए सिरे से कराने के आदेश बाद अब प्रदेश कैबिनेट मिनिस्टर ने ‘डंपर घोटाला’ केस फिर से खोलने की पैरवी की है।
याद रहे कि इस डंपर घोटाले के आरोपियों में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं ऐसे में अगर ये केस पुनः खुलता है तो शिवराज सिंह मुश्किल में फंस सकते हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग देख रहे गोविंद सिंह ने कहा कि डंपर घोटाले की जांच फिर से होनी चाहिए क्योंकि उसमें कथित अनियमितताओं के ‘सबूत’ थे।
बीजेपी के दो विधायक के कांग्रेस का समर्थन करने से प्रदेश का सियासी पारा पहले गर्म इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए खेल को वह (शिवराज) खत्म करेंगे।
ऐसे में कैबिनेट मिनिस्टर गोविंद सिंह द्वारा डंपर घोटाले में नए सिरे से जांच की पैरवी करने से सियासी पारा और बढ़ सकता है
बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में व्यापमं और इ-टेंडरिंग घोटालों की जांच नए सिरे से कराने की बात कही थी।
अब ऐसे में कांग्रेस सरकार द्वारा पिछली सरकारों के घोटालों का नए सिरे से जांच कराने से शिवराज सिंह मुश्किल में फंस सकते हैं और घोटालों में कुछ भी सामने आता है तो शिवराज सिंह पर शिकंजा कसा जा सकता है वैसे भी जिस तरह से कांग्रेस ने भाजपा के दो विधायकों को अपने समर्थन में लाया था उसके बाद से ही माना जा रहा था कि कांग्रेस या भाजपा को कमजोर करने के लिए उनके कर सकती है