
उत्तर प्रदेश में अपने वजूद की लड़ाई के लिए संघर्ष के लिए अब ऐसा समय आ गया है कि अगर अब वो वहां पर वापसी नही करती है तो फिर यूपी में कांग्रेस का वापसी करना असम्भव हो जाएगा। इस कारण से कांग्रेस अब वहां अपनी रणनीति में बदलाव करने के साथ साथ व्यापक रूप में सदस्यता अभियान चलाने जा रही है।
इसमे सबसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर्वी यूपी के अलावा पश्चिमी यूपी का प्रभार संभाल सकती है। उन्हें पूरे यूपी की जिम्मेदारी सौंपे जाने की कवायद तेज हो गई है। दिल्ली में यूपी के कांग्रेस विधायक व पूर्व विधायकों की बैठक हुई जिसमें सभी ने प्रियंका से पूरे यूपी की जिम्मेदारी लेने को कहा. इसके अलावा इस बैठक में कई अन्य अहम निर्णय भी लिए गए।
यूपी कांग्रेस की नई प्रदेश कमिटी जल्द ही बना दी जाएगी। जो पिछली कमिटी से 10 गुना छोटी होगी वहीं हर जिले में उपाध्यक्ष महिला को बनाया जाएगा.
प्राप्त सूचना के अनुसार पिछले दो महीने में प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन के हर एक जिला अध्यक्ष, शहर अध्यक्ष, प्रत्याशी, और प्रभारी से मिली.
उनकी बातें सुनीं और उन्हें अपने विचारों से अवगत कराया. प्रियंका गांधी पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व अध्यक्षों, पूर्व नेता विधानमंडल, पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों एवं वरिष्ठ नेताओं से मिली. वरिष्ठ नेताओं ने एक स्वर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी को छोटा करने एवं युवा लोगों को मौका देने और संघर्षशील कार्यकर्ताओं के सामने लाने की बात कही.
मिली जानकारी के अनुसार ‘तीन महीनों से चल रही फीडबैक प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है.’
‘पिछली कांग्रेस कमेटी से 10 गुना छोटी नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी होगी. इसमें युवा, जमीनी, संघर्षशील और आंदोलनधर्मी चेहरों की भरमार होगी.’
आपको बता दें कि पिछली प्रदेश कमिटी में करीब 500 सदस्य थे. वहीं नई प्रदेश कमिटी में करीब 50 से 60 सदस्य हो सकते हैं. औसतन यह कमिटी युवा होगी और इसकी औसत आयु 38-40 साल होगी.
पूर्वी यूपी के नए जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की घोषणा जल्द हो जाएगी. इस बार हर जिले में उपाध्यक्ष महिला को बनाया जाएगा. महिलाओं को संगठन से जोड़ने के तमाम प्रयास किए जाएंगे. वहीं जिला कमेटी में दलित व पिछड़े वर्ग के युवा कार्यकर्ताओं को भी तरजीह दी जाएगी.
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘सपा, बसपा से निराश कार्यकर्ताओं को कांग्रेस अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है. पार्टी का फोकस फिलहाल मुख्य विपक्षी दल के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करने का है.’
प्रियंका के पूरे यूपी के प्रभारी के औपचारिक ऐलान के बाद यूपी कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा. मौजूदा अध्यक्ष राज बब्बर अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस में अजय लल्लू, अनुग्रह नारायण सिंह, जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी व राजेश मिश्रा का नाम शामिल है. अजय लल्लू को पिछले दिनों पूर्वी यूपी के संगठन के बदलाव करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी. लोकसभा चुनाव के बाद यूपी की सभी जिला कमिटियां भंग कर दी गई थी. पिछले दो महीनों से संगठन में बदलाव की कवायद चल रही थी.
संगठन के बाद कांग्रेस यूपी में बड़ा सदस्यता अभियान चलाएगी जिसके लिए 1 करोड़ नई सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा पार्टी आंदोलन पर फोकस करेगी. प्रदेश में कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी जल्द ही लखनऊ और प्रयागराज का दौरा कर सकती हैं. प्रयागराज में पूर्वी यूपी के कार्यकर्ताओं का बड़ा सम्मेलन आयोजित किए जाने की भी संभावना है.
मतलब साफ है कि कांग्रेस भी अब यूपी की लड़ाई का महत्व समझ चुकी है जिसके लिए कांग्रेस को सबसे पहले मजबूती से एक सक्रिय और मजबूत विपक्षी दल बनना होगा और जनता के सामने भाजपा के विकल्प में कांग्रेस को दिखाना होगा। सपा-बसपा के अंतर्कलह से कांग्रेस को फायदा हो सकता है जबकि भाजपा सरकार से जनता में जो गुस्सा हो रहा है उसका भी फायदा कांग्रेस उठाने का प्रयास करेगी।