वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। हिंदी में नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता-संग्रह ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए यह सम्मान दिया जाएगा। शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ डार्कनेस’ के लिए दिया गया है। उर्दू में ‘शाफे किदवई’ को जीवनी ‘सवनेह-ए-सर-सैयद- एक बाजदीद’ के लिए इस सम्मान की घोषणा हुई है।
साहित्य अकादमी संस्था की तरफ से बुधवार को कुल 23 भाषाओं में योगदान के लिए पुरस्कारों का ऐलान किया गया है। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, असमिया, बांग्ला समेत अन्य 23 भाषाएं शामिल हैं। शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा के लिए पुरस्कार मिला है। सात कविता संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए यह सम्मान दिया गया
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 2016 में ‘एन ऐरा ऑफ डार्कनेस’ किताब लिखी थी। इस किताब में शशि थरूर ने भारत में हुए ब्रिटिश राज के बारे में लिखा है, जिसमें उनपर तंज भी है, इतिहास का हिस्सा भी है। किताब में 1857 क्रांति, 1919 का जलियांवाला बाग, ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आना और फिर अंग्रेजों का भारत से चले जाना, पूरे किस्से के बारे में बताया गया है।
सम्मान पाने वालों को साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रूपए की राशि प्रदान की जाती है। इस बार 25 फरवरी 2020 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले विशेष साहित्योत्सव में यह सम्मान दिया जाएगा।
इस बार सम्मान पाने वाले साहित्यकार हैं –
नंदकिशोर आचार्य- हिंदी
शशि थरूर- अंग्रेजी
शाफ़े किदवई- उर्दू
असमिया – जय श्री गोस्वामी महंत
बाड्ला – चिन्मय गुहा
बोडो – फुकन चन्द्र
डोगरी – ओम शर्मा
गुजराती- रतिलाल बोरीसागर
कन्नड़ – विजया
कश्मीरी- अब्दुल अहद हाज़िनी
कोंकणी – निलबा खांडेकर
मैथिली – कुमार मनीष
मलयालम- मधुसूदन नायर
मणिपुरी – बेरिल
मराठी- अनुराधा पाटिल
ओड़िया – तरूण कांति
पंजाबी – किरपाल कज़ाक
राजस्थानी- रामस्वरूप किसान
संस्कृत – पेन्ना मधुसूदन
संताली – काली चरण
सिंधी – ईश्वर मूरजाणी
तमिल- धर्मन
तेलुगु – बंदि नारायणा स्वामी
नेपाली भाषा में पुरस्कार अभी घोषित नहीं किया गया है