सोनिया गांधी के आवास पर मिशन 2024 को लेकर शनिवार को 4 घंटे तक प्रेजेंटेशन दिया प्रशांत किशोर ने। उन्होंने रोड मैप में बताया कि पार्टी लोकसभा की 370 सीटों पर फोकस करने के साथ ही महाराष्ट्र, बंगाल और तमिलनाडु में गठबंधन करे। जबकि उड़ीसा बिहार और यूपी में एकला चलो की नीति अपनाएं।
पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। पार्टी 210 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही यानी देश में लोकसभा की 262 सीटें ऐसी हैं जहां पर बीजेपी से कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। इसके अलावा 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 350 सीटों पर पहले या दूसरे नंबर पर रही। प्रशांत किशोर ने इसी को आधार बनाकर 370 सीटों पर फोकस करने का सुझाव दिया है।
बिहार और उत्तर प्रदेश को लेकर क्या है रणनीति?
उत्तर प्रदेश, बिहार तथा उड़ीसा में कांग्रेस के पास कोई भरोसेमंद सहयोगी नहीं है। आरजेडी के साथ बिहार में मिलकर कांग्रेस चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन लोकसभा में उसे कोई फायदा नहीं हुआ है। इसके अलावा अगर देखा जाए तो आरजेडी लगातार कांग्रेस पर दबाव बनाती रही है।
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस आरजेडी के साथ मिलकर महागठबंधन में चुनाव लड़ रही थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बिहार में लोकसभा की 40 सीट है, जिसमें से 39 पर बीजेपी तथा उसके सहयोगी दल जीते हैं। कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी। बिहार में लोकसभा चुनाव का ट्रेंड देखे तो वहां पर विधानसभा की तुलना में कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन फिसड्डी साबित हुआ है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के संगठन को लेकर प्रियंका गांधी ने काफी मेहनत की है। हालांकि 2019 के लोकसभा तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में वह सफलता नहीं मिली है। इसके बावजूद प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन नहीं करने की सलाह दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियां तमाम दावों के बावजूद बीजेपी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है। ऐसे में प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव में एकला चलो की नीति अपनाकर बीजेपी से सीधी फाइट करने की रणनीति पर जोर दे रहे हैं।
इसके अलावा देखा जाए तो समाजवादी पार्टी को 2022 के लोकसभा चुनाव में जितना भी वोट मिला है वह बीजेपी को रोकने के लिए मिला है। कांग्रेस की हालत 2022 में उत्तर प्रदेश के अंदर इतनी खराब इसलिए हुई, क्योंकि जनता ने सोचा कि अगर बीजेपी को हराना है तो समाजवादी पार्टी को वोट देना है। कांग्रेस जीत नहीं सकती यह लोगों के दिमाग में बिठा दिया गया था और प्रशांत किशोर इसी पर काम करना चाहते हैं कांग्रेस के साथ उत्तर प्रदेश में।
इसके अलावा प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने प्रेजेंटेशन में सलाह दी है कि वह महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में मजबूत गठबंधन बनाए। इन राज्यों में लोकसभा की 139 सीटें हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन में भी शामिल है। गठबंधन करने के पीछे महाराष्ट्र में शरद पवार और बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस की उपज हैं। वहीं तमिलनाडु में स्टालिन की पार्टी डीएमके लगातार केंद्र के खिलाफ मुखर है।