देश में बेरोजगारी अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं ऐसे में देश की विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है यही वजह है कि जब देश की आम बजट में बेरोजगारी को कम करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं दिया गया तो देश के मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला जिसके बाद देश की वित्त मंत्री ने इसे सोचा समझा रणनीति बताया और कहा कि आंकड़े देने के बाद विपक्षी पार्टियां सवाल करने लगती है इसलिए सरकार ने रोजगार के लिए कोई आंकड़ा नहीं दिया जिसके बाद राहुल गांधी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर फिर एक बार हमलावर हैं।
राहुल गांधी ने रोजगार के आंकड़े नहीं देने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी पर कहा कि सवालों से डरने की बजाए उन्हें जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए रोजगार पर युवाओं को जवाब देना चाहिए।
राहुल ने यह बयान सीतारमण की उस टिप्पणी पर की है जिसमें रोजगार का आंकड़ा नहीं बताने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा था मान लीजिए मैं एक आंकड़ा बोल दूं- एक करोड़, फिर राहुल गांधी पूछेंगे कि एक करोड़ नौकरियों का क्या हुआ, इसलिए नहीं बताया।
गांधी ने ट्वीट कर जवाब दिया वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं ये सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं, जिन्हें जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है। देश के युवाओं को रोजग़ार की ज़रूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोजगार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।
कांग्रेस पार्टी ने इस सवाल का जवाब नहीं देने को सीतारमण की नाकामयाबी बताया और कहा जो नाकाम होते हैं, वो सवालों से डरते हैं।
कांग्रेस ने कहा राहुल गांधी आपसे सवाल पूछते रहेंगे…चाहे वो बेरोजगार युवाओं की पीड़ा हो, किसानों की बदहाली हो, महिला सुरक्षा का मामला हो। हम आपको मनमानी नहीं करने देंगे। वैसे…आपका डर आपकी नाकामी को दर्शाता है।