जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर लाठी चार्ज बाद केंद्र की मोदी सरकार और आरएसएस विपक्षी दलों के साथ-साथ युवाओ के निशाने पर है। देश के कई नामचीन लोगो ने इस लाठीचार्ज का निंदा करते हुए सरकार पर निशान साधा है।
इस मामलो को लेकर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार व भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरु के नाम से कुछ लोगों का बीपी (रक्तचाप/ब्लड प्रेशर) बढ़ जाता है।
गौरतलब है कि JNU के छात्र पिछले कई दिनों से बढ़ी हु8 फीस को वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं जिस पर केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया है। इस लाठीचार्ज में कई छात्रों को चोट आई है।
जेएनयू घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया में गहलोत ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ‘’यह तो पीछे पड़े हुए हैं जेएनयू के, जहां जवाहरलाल नेहरु का नाम आता है वहां इनका बीपी बढ़ जाता है। उस रूप में फिर यह लोग कार्रवाई करते हैं। इस रूप में लोगों को गुमराह करते हैं मैं समझता हूं कि यह परंपराए ठीक नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि आज राजग सरकार आजादी के पहले और बाद की हमारी विरासत को भुला कर राजनीति करना चाहती है, लेकिन यह अच्छी परंपरा नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम पर नेहरु, मौलाना आजाद, बाबा साहेब आंबेडकर व इंदिरा गांधी आदि जैसी हस्तियों को याद नहीं करने का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘अगर हम उन्हें याद नहीं करेंगे और जानबूझकर कर उनकी अनदेखी करेंगे जैसे आज राजग सरकार के नेता कर रहे हैं, विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम। यह परंपराए अच्छी नहीं है, देश हित में नहीं है, नई पीढ़ी को गुमराह करेंगे तो उससे सिर्फ देश का नुकसान होगा, मेरा ऐसा मानना है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘मैं उनसे अपील करना चाहूंगा कि अपनी सोच को बदलें और जिसका जो योगदान है, जिस रूप में है, उसे उसी रूप में देश को बताएं।’’
उन्होंने राजग नेताओं पर सोशल मीडिया के माध्यम से नई पीढ़ी को गुमराह करने का आरोप लगाया।
JNU को लेकर जहां विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं तो वही बीजेपी और उसके सहयोगी छात्रों के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे हैं।